रांची- राजमहल से भाजपा विधायक अंनत ओझा ने दावा किया है कि बांग्लादेशियों की धुसपैठ के कारण पूरे संताल की डेमोग्राफी बदल रही है. साहेबगंज, पाकुड़, दुमका, गोड्डा और राजमहल के इलाके में हिन्दू और आदिवासियों की जनसंख्या में लगातार गिरवाट आ रही है. इस इलाके के नौजवान लगातार राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में शामिल हो रहे हैं. बांग्लादेशियों की बढ़ती जनसंख्या के कारण इस इलाके का ना सिर्फ जनसंख्या का समानुपात बदल रहा है, बल्कि जल जंगल और जमीन भी इन्ही बांग्लादेशियों के हाथों में जा रहा है. हमारे खेत-खलिहान और नौकरियों पर बांग्लादेशियों का कब्जा हो रहा है. बड़ी मात्रा में इस इलाके मे गौवंश की तस्करी की जा रही है.
संताल के युवाओं की नौकरी बांग्लादेशियों के हाथों में जा रही
अंनत ओझा ने दावा किया कि कई बार इस मामले को सदन में उठाने के बावजूद भी हेमंत सोरेन की सरकार इस मामले को गंभीरता से नहीं ले रही है, जबकि इसके कारण राज्य के युवाओं की नौकरी बांग्लादेशियों के हाथों में जा रही है.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की कथनी और करनी में बड़ा अंतर
विधायक अंनत ओक्षा ने तत्काल इस मामले में कार्रवाई करते हुए सरकार से संताल के अन्दर एनआरसी करवाने की मांग की. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की कथनी और करनी में बड़ा अंतर है, एक तरफ वह कहते हैं कि वह बांग्लादेशियों की सुरक्षा के लिए सीएम नहीं बने हैं, वहीं उनके द्वारा संताल इलाके की बदलती डेमोग्राफी को अनदेखा किया जा रहा है.
कल ही सदन के अन्दर विधायक मनीष जयसवाल ने इरफान अंसारी को बांग्लादेशी बताया था
हम यहां बता दें कि कल ही सदन के अन्दर हजारीबाग विधायक मनीष जयसवाल ने कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी को बांग्लादेशी करार दिया था, और अंनत ओझा के द्वारा संताल इलाके में एनआरसी की मांग की जाने लगी.
बांग्लादेशी के बहाने झामुमो के अभेद किले को धवस्त करने की रणनीति
जानकारों का मानना है कि संताल का इलाका झामुमो का अबेध किला है, इस इलाके में सेंधमारी के लिए भाजपा काफी दिनों से प्रयत्नशील है. कुछ हद तक सफलता भी मिली है, लेकिन बावजूद इसके अभी भी वह झामुमों के सामने खड़ा होने की स्थिति में नहीं है. दरअसल बांग्लादेशी घुसपैठिया के दावे को हवा देकर भाजपा आदिवासी और हिन्दूओं को अपने पाले में लाने की कोशिश कर रही है. सच्चाई यह है कि इस इलाके में बांग्लादेशी घुसपैठिया का कोई स्पष्ट साक्ष्य अभी तक नहीं मिला है. जिन बंगालियों को बांग्लादेशी बताया जा रहा है उसमें बड़ी आबादी तो बंगाली हिन्दूओं की है, पच्छिम बंगाल की सीमा नजदीक होने के कारण है यहां बड़ी संख्या में बंगाली हिन्दू निवास करते हैं. सरकार कोई भी हो इन बंगालियों को बाहर का रास्ता तो नहीं दिखा सकती.
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