सावन की पहली सोमवारी कुंवारी कन्याओं के लिए क्यों होता है खास! इस दिन भोलेनाथ की करें विशेष पूजा अर्चना


टीएनपी डेस्क(TNP DESK):सावन का महीना सनातन धर्म को माननेवाले लोगों के लिए काफी ज्यादा महत्वपूर्ण होता है. यह पूरी तरह से भगवान शंकर को समर्पित होता है. ऐसा माना जाता है कि सावन महीने में भगवान शंकर पर जलार्पण करने और विशेष पूजा अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है. वही विशेष रूप से महिलाएं और कुंवारी कन्याएं भगवान शंकर की यदि पूजा करें तो भगवान उन पर विशेष कृपा होती है और उन्हें अखंड सौभाग्यवती होने का आशीर्वाद देते हैं तो कुंवारी कन्याओं को अच्छा वर मिलता है.
सावन की सोमवारी का होता है खास महत्व
सावन के साथ-साथ सोमवारी का भी काफी खास महत्व माना जाता है ऐसा माना जाता है कि सोमवारी के दिन अगर भक्त सच्चे मन और श्रद्धा से भगवान शंकर की पूजा अर्चना करें तो उनके सारे कष्ट भगवान शंकर दूर कर देते है और उन्हें सुखी संसार का आशीर्वाद देते है.सोमवारी का व्रत रखने वाले भक्त भगवान शंकर की विशेष कृपा बरसती है.
बाबा भोलेनाथ महिलाओं और कुंवारी कन्याओं पर करते हैं विशेष कृपा
शास्त्रों की माने तो यदि कोई अविवाहित कन्या अर्थात कुंवारी कन्या सावन के सोमवार का व्रत रखें तो उनके लिए काफी ज्यादा शुभ माना जाता है.भगवान भोलेनाथ बहुत बड़े महादानी है जब कुंवारी कन्याएं उनकी पूजा अर्चना करती है तो उनके ऊपर भोलेनाथ विशेष कृपा करते है और अपने जैसा ही सुयोग्य वर का आशीर्वाद देते है. वही शादीशुदा महिलाओं को अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद मिलता है इसलिए कुंवारी कन्याओं के लिए सोमवार का व्रत काफी ज्यादा महत्वपूर्ण है.
यह है सोमवारी व्रत का नियम
सोमवारी के व्रत के लिए कुछ खास नियम बन गए है जिसके अनुसार अगर आप पूजा अर्चना करते है तो आपकी पूजा सफल हो जाती है.यदि आप सोमवारी का व्रत रख रहे हैं तो आपको सुबह जल्दी उठना चाहिए और घर के साफ-सफाई स्नान आदि करने के बाद साफ-सुथरे कपडे पहनना है और फिर अपने पूजा घर यानी मंदिर की सफाई करें इसके बाद घर में रखें भगवान शंकर और अन्य देवी देवताओं की पूजा अर्चना करें और भगवान की शिवलिंग पर जलार्पण करें और सच्चे मन से प्रार्थना करे.
इस प्रकार करें भगवान भोलेनाथ की पूजा अर्चना
बहुत से लोगों को शिवलिंग की पूजा की सही विधि पता नहीं होती है.जिसको आज हम आप बताने वाले है. सबसे पहले आपको भोले बाबा की शिवलिंग को जल या फिर पंचामृत से अभिषेक करना है.फिर उसके बाद धतूरा, बेलपत्र, आक का फूल, कुशा, जनेऊ भगवान शंकर को अर्पित करना है.इसके बाद मीठे पकवान का भोग लगाकर ओम नमः शिवाय का जाप करें.भगवान शंकर की कथा पढ़ने के बाद धूप आदि से आरती करें और सच्चे मन से अपने जो भी इच्छा है वह भगवान शंकर को बताएं आपकी इच्छा जरूर पूरी होगी.
व्रत में क्या खाएं और क्या ना खाएं
वही सोमवारी के व्रत में कुछ चीजों को निषेध माना गया है शास्त्रों की माने तो तुलसी, हल्दी और केतकी का फूल भगवान शंकर को कभी अर्पित नहीं करना चाहिए.वही सावन की सोमवारी के व्रत में ख़ास तौर पर गेंहू, मैदा, आटा, बेसन, सत्तू जैसे अन्न का भोग नहीं लगाना चाहिए इसको निषेध माना गया है.
सावन महीने में इन चीज़ों को खाना होता है निषेध
वही सावन में बैंगन प्याज लहसून मांस, मदिरा आदि का सेवन नहीं करना चाहिए. पुरे महीने भक्तों को सात्विक भोजन करना चाहिए. ऐसा करने के लिए भगवान शंकर प्रसन्न होते है. सोमवारी व्रत के दौरान कुंवारी कन्याएं मौसमी फलों के साथ साबूदाना, दूध, दही, पनीर,कुट्टू के आटे सेंधा नमक आदि खा सकती है.
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