रांची (TNP Desk) : देश के चौथे और झारखंड के पहले चरण का चुनाव प्रचार का आज आखिरी दिन है. विभिन्न दलों के प्रत्याशियों ने आखिरी दिन अपनी पूरी ताकत लगा दी है. शाम पांच बजे के बाद चुनाव प्रचार थम जायेगा. इसके बाद रैली, बैठक, सभा करने की अनुमति नहीं होगी. हालांकि प्रत्याशी डोर-टू-डोर प्रचार कर सकते हैं. राज्य के लोहरदगा सहित चार सीटों पर 13 मई को वोट डाले जाएंगे. लोहरदगा संसदीय क्षेत्र से कुल पंद्रह उम्मीदवार चुनावी मैदान में ताल ठोक रहे हैं.
लोहरदगा में कौन किसको दे रहा टक्कर
लोहरदगा सीट की बात करें तो यहां त्रिकोणीय मुकाबले के आसार दिख रहे हैं. इस सीट से भाजपा के समीर उरांव, कांग्रेस के सुखदेव भगत और निर्दलीय प्रत्याशी चमरा लिंडा के बीच है. हालांकि मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच है. 2019 के चुनाव में कांग्रेस के सुखदेव भगत और भाजपा के सुदर्शन भगत के बीच मुकाबला हुआ था. इस चुनाव में सुदर्शन भगत करीब दस हजार वोट से विजयी हुए थे. बीजेपी के सुदर्शन भगत को 371,595 वोट मिले थे. वहीं कांग्रेस के सुखदेव भगत को 361,232 मत मिले थे. तीसरे स्थान पर झारखंड पार्टी के देवकुमार धान थे. उन्हें मात्र 19,546 वोटरों ने मत दिया था. इस बार भाजपा ने तीन बार के सांसद रह चुके सुदर्शन भगत का टिकट काटकर समीर उरांव को उम्मीदवार बनाया है. वे पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं. जबकि कांग्रेस के सुखदेव भगत दूसरी बार अपनी किस्मत अजमा रहे हैं. वहीं निर्दलीय उम्मीदवार चमरा लिंडा चौथी बार चुनावी मैदान में कूदे हैं. इनके आने से मुकाबला और काफी रोचक हो गया है.
लोहरदगा में सबसे अधिक महिला वोटरों की है संख्या
चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक लोहरदगा में कुल 14 लाख 36 हजार 351 मतदाता है, जो इन प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला 13 मई को करेंगे. यहां पुरुष मतदाताओं की संख्या 139,068 है. वहीं महिला मतदाताओं की संख्या 141,705 है. 2019 की तुलना में इसबार 42,737 वोटरों की संख्या में वृद्धि हुई है. एसटी रिजर्व में इस सीट में राज्य भर के अन्य सीटों के मुकाबले आदिवासियों की संख्या सबसे अधिक है. सरना और ईसाई आदिवासी को मिलाकर करीब 74 प्रतिशत मतदाता एसटी श्रेणी के हैं. लोहरदगा संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत पांच विधानसभा क्षेत्र आता है जिसमें मांडर, सिसई, गुमला, बिशुनपुर और लोहरदगा शामिल है. इन सभी पांच विधानसभा सीटों पर इंडिया गठबंधन का कब्जा है.
लोहरदगा के मतदाताओं के मुख्य मुद्दा
मतदाताओं का कहना है कि यहां त्रिकोणीय संघर्ष की स्थिति है. लोहरदगा - गुमला जिले में बॉक्साइट के भंडार हैं, पर क्षेत्र बेरोजगारी, पलायन और मानव तस्करी से जूझ रहा है. यहां कारखाना लग जाए तो क्षेत्र का कायाकल्प हो जायेगा. कई ऐसे इलाके हैं जहां अभी भी रेल लाइन, बिजली और सड़क नहीं है. अगर ये सुविधाएं लोगों को मिले तो क्षेत्र का समग्र विकास होगा. क्षेत्रीय दल समय-समय पर मांगे उठाई है, पर प्रमुख पार्टियों की उदासीनता खलती है. अलग-अलग विधानसभा क्षेत्र में अलग-अलग मुद्दे हैं.
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