पटना(PATNA): बिहार की राजनीति में पिछड़ों की आवाज बनने वाले जननायक कर्पूरी ठाकुर की आज 99 वीं जयंती है. इस मौके पर बिहार के मुख्यमंत्री ने कहा कि कर्पूरी जयंती हमेशा से मनाया जाता रहा है. पटना में सीएम नीतीश ने कर्पूरी ठाकुर के प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी. उन्होंने कहा जिस तरह से उन्होंने बिहार का विकास किया, उससे बिहार काफी आगे बढ़ा था. हमलोग उनकी विचारधारा को आगे लेकर चल रहे हैं. बिहार के विकास में उनकी भूमिका बड़ी अहम है. हम उनके विचार को मानते हैं उन्हीं की बात को लेकर आगे चल रहे हैं. सीएम ने कहा कि कर्पूरी ठाकुर जब बिहार के मुख्यमंत्री बने थे, तो उस समय वो शोषित, पीड़ित और दलितों को आगे बढ़ाने का काम किया था.
बता दें कि कर्पूरी ठाकुर का जन्म समस्तीपुर जिले के पितौझिया गांव में हुआ था. इनका परिवार नाई के पेशे से जुड़ा था. इनके पिता गोकुल ठाकुर एक किसान थे और नाई का काम भी करते थे. कर्पूरी ठाकुर बिहार की राजनीति में गरीबों और दबे-कुचले वर्ग की आवाज बनकर उभरे थे. वे बिहार में दो बार मुख्यमंत्री बने. एक बार वे उप मुख्यमंत्री भी रहे. कर्पूरी ठाकुर की लोकप्रियता के कारण उन्हें जननायक कहा जाता है. जननायक कर्पूरी ठाकुर भारत के स्वतंत्रता सेनानी, शिक्षक राजनीतिज्ञ और बिहार के दूसरे उपमख्यमंत्री भी रह चुके हैं.
कर्पूरी ठाकुर की जयंती पर अलग अलग पार्टी के नेताओं ने भी अपनी राय रखी है. JDU के प्रदेश अध्यक्ष उनेश कुशवाहा ने कहा कि कर्पूरी ठाकुर के आदर्शों को जमीन पर उतारने का काम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया है. पिछले 17 साल से बिहार में विकास इसी आधार पर हो रहा है. वहीं RJD प्रवक्ता एजाज अहमद ने कहा कि बीजेपी को कर्पूरी जयंती मनाने का अधिकार नहीं है. क्योंकि बीजेपी जिस विचारधारा को लेकर चलती है कर्पूरी ठाकुर उसके विरोध में थे. लालू प्रसाद यादव ने कर्पूरी ठाकुर के संकल्प को हमेशा आगे बढ़ाया है.
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