टीएनपी डेस्क : पेरिस ओलिंपिक के खेल महाकुंभ का आज 7 अगस्त को 12वां दिन हैं. वहीं, आज के इस महाकुंभ की शुरुआत में ही भारत को हार को गले लगाना पड़ा है. ओलंपिक में रेसलिंग इवेंट में 3 मुकाबले जीतने के बाद फाइनल में पहुंचने वाली भारतीय रेसलर विनेश फोगाट को आज पेरिस ओलिंपिक से बाहर कर दिया गया है और वजह उनके तय वेट कैटेगरी में 100 ग्राम का बढ़ना. भारतीय रेसलर विनेश फोगाट 50 kg की कैटेगरी में वुमन रेसलिंग खेलती हैं. आज विनेश फोगाट कुश्ती में भारत की तरफ से फाइनल मैच खेलने वाली थी. लेकिन उनके तय वजन कैटेगरी में मात्र 100 ग्राम बढ़ने से उन्हें खेल से बाहर निकाल दिया गया है. ऐसे में अब विनेश फोगाट को ओलिंपिक में कोई मेडल भी नहीं मिलेगा. सबसे बड़ी बात तो यह है कि अयोग्य घोषित होने के फैसले के खिलाफ कोई अपील भी नहीं की जा सकती है.
वर्ल्ड चैंपियन जापान की युई सुसाकी को 3-2 से मात देकर फाइनल में पहुंची थी विनेश
बता दें कि, मंगलवार को विनेश फोगाट रेसलिंग इवेंट के सेमीफाइनल में क्यूबा की रेसलर गुजमान लोपेजी, क्वार्टरफाइनल में यूक्रेन की ओकसाना लिवाच और प्री-क्वार्टरफाइनल में वर्ल्ड चैंपियन जापान की युई सुसाकी को 3-2 से मात देकर फाइनल में पहुंची थी. ओलिंपिक में वुमन रेसलिंग में फाइनल तक पहुंचने वाली वह पहली भारतीय महिला रेसलर बनी थी. ऐसे में पूरे भारत को विनेश फोगाट से गोल्ड लाने की उम्मीद थी. लेकिन गोल्ड से बस एक कदम दूर विनेश फोगाट अब ओलिंपिक से ही बाहर हो गई हैं.
कौन है विनेश फोगाट
विनेश फोगाट का नाम किसी भी परिचय का मोहताज नहीं. भारत के बेहतरीन पहलवानों में से एक विनेश फोगाट को हर कोई जानता है. अपनी चचेरी बहन गीता और बबीता फोगाट के नक्शे कदम पर चल विनेश फोगाट दो बार ओलंपियन रह चूंकि हैं. विनेश फोगाट राष्ट्रमंडल खेलों में दो स्वर्ण, एशियाई खेलों में एक स्वर्ण के साथ 2019 में विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक विजेता रही हैं. इसके अलावा साल 2021 में विनेश फोगाट को एशियाई चैंपियन का ताज भी पहनाया गया था.
अपनी बहने गीता बबीता को देख चुना रेसलिंग को करियर
भारत का हरियाणा राज्य खिलाड़ियों के लिए ही जाना जाता है. क्योंकि, ज्यादातर खिलाड़ी हरियाणा की मिट्टी में ही जन्में हैं. उन्हीं में से एक विनेश फोगाट का जन्म भी हरियाणा के भिवानी जिले के बलाली गांव में 25 अगस्त 1994 को हुआ था. विनेश फोगाट एक पहलवानी परिवार से आती हैं. अपने चाचा महावीर फोगाट को अपनी बेटियों गीता और बबीता को पहलवानी सिखाता देख विनेश में भी पहलवानी सीखने को लेकर ललक जागने लगी. अपनी बहनों के ही नक्से कदम पर चलकर विनेश ने भी पहलवानी को करियर के रूप में चुना. हालांकि, इस करियर को चुनने के बाद उनके सामने कई चुनौती आई. महज नौ साल की उम्र में विनेश ने अपने पिता राजपाल फोगाट को खो दिया था. जिसके बाद से समाज के तानों और कुरीतियों से लड़ते हुए विनेश ने अपने चाचा महावीर फोगाट से पहलवानी की ट्रैनिंग लीं और आज बेहतरीन भारतीय महिला पहलवानों में से एक हैं.
साल 2016 में किया था रियो ओलंपिक से की थी शुरुआत
साल 2016 में हुए रियो ओलंपिक में विनेश फोगाट ने 48 किग्रा वुमन फ्रीस्टाइल कैटेगरी में कुश्ती लड़ने के लिए मैच के मैदान में उतरीं थी. लेकिन घुटने में गंभीर चोट लगने के कारण उन्हें क्वार्टर फाइनल मुकाबले से हटना पड़ा था. इस चोट के चलते विनेश का करियर खत्म होने की कगार पर आ गया था, लेकिन विनेश ने हार नहीं मानी. इसके बाद साल 2020 में हुए टोक्यो ओलंपिक गेम्स में विनेश फोगाट ने हिस्सा लिया लेकिन क्वार्टर फाइनल में हार का सामना करना पड़ा. इसके बाद कॉमनवेल्थ गेम्स व एशियन गेम्स में गोल्ड जीत कर विनेश ने अपना कमबैक किया. इसके बाद विनेश ने कई मेडल और रिकॉर्ड्स पर अपना नाम दर्ज किया. वहीं, कॉमनवेल्थ गेम्स और एशियन गेम्स में गोल्ड जीतने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान के टैग के साथ अब विनेश वर्ल्ड चैम्पीयन जापानी रेसलर यूई सुसाकी को हराने वालीं दुनिया की पहली महिला रेसलर भी बन गई हैं.
विवादों में भी घिर चुकी हैं विनेश
बता दें कि, विनेश फोगाट हमेशा से विवादों में घिरी रही हैं. टोक्यो ओलंपिक के बाद भारतीय साथियों के साथ ट्रेनिंग लेने से इंकार करने और ओलंपिक में आधिकारिक भारतीय किट नहीं पहनने पर रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया ने अनुशासनहीनता के लिए विनेश को 2021 में बैन कर दिया था. जिसके बाद विनेश फोगाट ने अपने इस गलती के लिए माफी भी मांगी थी. इसके बाद विनेश फोगाट ने साल 2023 में भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के पूर्व अध्यक्ष BJP सांसद ब्रजभूषण सिंह के खिलाफ भी आंदोलन छेड़ा था. महिला पहलवानों के यौन शोषण के विरोध में प्रदर्शन करने के लिए विनेश को दिल्ली की सड़कों पर घसीटा भी गया था. इतना ही नहीं पेरिस ओलिंपिक चयन ट्रायल को लेकर भी खूब बवाल हुआ था. आंदोलन और सेलक्सन के चलते विनेश को अपना मूल वेट कैटेगरी 53 किलोग्राम छोड़ना पड़ा और वजन घटाकर 50 किग्रा कैटेगरी में आना पड़ा.
विनेश फोगाट द्वारा जीते गए मेडल की लिस्ट
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