टीएनपी डेस्क (TNP DESK): रांची में मिला एक और कोरोना संक्रमित व्यक्ति. इस नए वेरिएन्ट से संक्रमित नए मरीज की पुष्टि होते ही स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है. कोरोना को लेकर लगातार सरकार और प्रशासन अलर्ट है लेकिन अभी तक मास्क या सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर कोई गाइडलाइन जारी नहीं हुई. इस मुद्दे पर बन्ना गुप्ता की बात केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री से हुई है. जिसके बाद से सरकार और प्रशासन अपने अलर्ट मोड पर आ गया है. सीएम हेमंत सोरेन ने भी बीते दिन हाई लेबल की मीटिंग कर राज्य की कोरोना से निपटने की रणनीति तय की. बता दें झारखंड के पड़ोसी बिहार के गया में कोरोना के चार मरीज पाए गए हैं. जिससे कोरोना विस्फोट की बहुत अधिक संभावना बताई जा रही है. ऐसे में झारखंड की सीमा पर स्थित होने से गया और झारखंड में कोरोना के फैलाव को रोकने के लिए सरकार क्या कदम उठा रही है इसका तय नहीं हुआ है. हेमंत सरकार ने कोरोना को लेकर किए गए बैठक में राज्य पूरी तरह से कोरोना से निपटने को तैयार बताया है. लेकिन गया से झारखंड के सीमावर्ती इलाकों में कोरोना विस्पोट होता है तो झारखंड को इसके चपेट में आने में कोई ज्यादा वक्त नहीं लगेगा. बता दें अभी तक कोरोना को लेकर राज्य में कोई गाइडलाइन जारी नहीं हुई है. अभी तक लोग बेफिक्र होकर सड़कों पर घूम रहे हैं. बता दें कोरोना के इस नए वेरियंट का पता चलना बेहद मुश्किल है और ये उनलोगों पर भी असर कर रही है जो वैक्सीन ले चुके हैं. ऐसे में यदि झारखंड में कोरोना की लहर आती है तो सरकार की क्या तैयारी है ये अबतक पूरी तरह स्पष्ट नहीं. ये अत्यंत चिंता का विषय है कि अन्य राज्यों की तरह अभी तक झारखंड ने अपनी कोरोना गाइडलाइन तक जारी नहीं की है. क्या झारखंड सरकार संक्रमण बढ़ने का इंतजार कर रही है. बता दें कोरोना को लेकर हेमंत सरकार ने सोमवार शाम को हाई लेबल मीटिंग की और खुद को कोरोना के लिए तैयार भी बताया. राज्य में दवाओ इंजेक्शन और स्वास्थ्य सुविधाओं का भी ब्योरा दिया लेकिन कोरोना को लेकर एहतियात संबंधी कोई गाइडलाइन जारी नहीं की. इस मीटिंग में कुछ चीजें जो होनी चाहिए थी उस पर जरूर ध्यान देना चाहिए था. उनमें से एक है मास्क पहनना. उच्च स्तरीय बैठक के बाद स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने मीडिया से बताया था कि मास्क पहनना अनिवार्य नहीं किया गया है. जबकि यह अनिवार्यता होनी ही चाहिए थी. सरकार के स्तर से इसे अवश्य किया जाना चाहिए था लेकिन ऐसा नहीं कहा गया है. चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े लोगों का कहना है कि तत्काल मास्क लगाने की अनिवार्यता और सोशल डिस्टेंसिंग को जरूर अनिवार्य किया जाना चाहिए. शायद सरकार संक्रमण बढ़ने का इंतजार कर रही है. बता दें इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने आम लोगों से यह आग्रह किया है कि पूर्व की तरह कोविड-19 प्रोटोकोल को जरूर मेंटेन किया जाना चाहिए. इस कड़ी में मास्क पहनना बेहद जरूरी है. इसके अलावे सोशल डिस्टेंसिंग भी मेंटेन किया जाना चाहिए.
नए साल का जश्न और कोरोना
अभी आनेवाले दिनों में झारखंड नए साल के जश्न मे डूब जाएगा ऐसे में यदि कोरोना ने अपना पैर फैलाना शुरू कर दिया तो भयंकर कोरोना विस्पोट होने की संभावना है ऐसे में जरूरी है कि झारखंड सरकार सामाजिक इवेंट्स के लिए गाइडलाइन जारी करें ताकि पूर्व की तरह लॉकडाउन का सामना न करना पड़े. उल्लेखनीय है कि बिहार के गया में कोरोना के चार नए मरीज मिले हैं. ओडिशा में भी मामले सामने आए हैं. दोनों राज्य झारखंड से जुड़े हुए हैं. वैसे समझदार लोग अपनी सुरक्षा के लिए मास्क पहनना शुरू कर दिए हैं. लेकिन सरकार की बात कुछ और होती है. मास्क पहनने की अनिवार्यता के संबंध में निर्देश जरूर होना चाहिए ताकि लोग इसे फॉलो कर सकें.
झारखंड के लोगों को रहना होगा सतर्क
बिहार से आए कोरोना के ताजा मामलों ने पूरे बिहार समेत उसके सटे राज्यों में भी सतर्कता की जरूरत बता दी है. बिहार से सटे राज्य झारखंड को भी अब काफी एहतियात बरतने की जरूरत है. क्योंकि बिहार और झारखंड के लोगों का रोज एक राज्य से दूसरे राज्य आना जाना होता है. ऐसे में झारखंड में कोरोना संबंधित सभी जरूरी गाइडलाइन का पालन करना अनिवार्य कर देना चाहिए.
झारखंड का स्वास्थ्य महकमा अलर्ट
दरअसल, झारखंड का स्वास्थ्य विभाग भी कोरोना को लेकर सतर्क है. राज्य के सभी जिलों के स्वास्थ्य अधिकारियों को हर जरूरी चीजों की तैयारी करने के आदेश दे दिए गए हैं. कोरोना जांच बढ़ा दी गई है. वैक्सीन की व्यवस्था भी जिलों में की जा रही है. वहीं, लोगों से अपील की जा रही है भीड़भाड़ वाली जगहों पर मास्क पहनें.
क्या चीन में तहलका मचाने वाले इस वेरिएन्ट से झारखंड है बेखबर
अबतक नहीं जारी हुई है कोई सूचना आखिर राज्य सरकार को किसका है इंतजार. झारखंड में कोरोना के नए वेरिएन्ट BF-7 के दो संक्रमित मरीज मिल चुके हैं. लेकिन अबतक इसे लेकर कोई विशेष सरकारी गाइडलाइन जारी नहीं की गई है. बता दें BF 7 कोरोना ओमीक्रॉन का वो वेरिएन्ट है जिसने चीन में तबाही मचा दी है.
क्यों खतरनाक है BF- 7
चीन में तबाही लाने वाले इस कोरोना BF7 को आखिर क्यों वैज्ञानिक मान रहे हैं इतना खतरनाक आईए जानते हैं क्या है इसके लक्षण. तीन साल पहले दुनिया एक अजीब से मुहाने पे आकार खड़ी हो गई थी. ये वो वक्त था जब मानवता पर एक सूक्ष्म जीव भारी पड़ गया था. दुनिया ने अपनों की लाशें देखी और देखा लॉकडाउन जिसने तोड़ दी विश्व के आर्थिक कमर. और ये सब शुरू हुआ चीन के वुहान से. एक बार फिर हँसती खेलती दुनिया पर ताल लग सकता है, और इस बार भी इसकी शुरुआत चीन से हो चुकी है बता दें इस वक्त चीन में कोरोना के वेरिएन्ट BF- 7 ने अपना वीभत्स रूप दिखाते हुए लाखों लोगों की जान ले ली है. वहीं चीन की सरकार अपने यहां हुई मौतों के आँकड़े को छुपा रही है. बता दें विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार BF.7, जिसका विस्तृत नाम BA.5.2.1.7 है, सबसे तेजी से फैलने वाला कोविड वायरस है. यह ओमीक्रोन के BA.5 वेरिएंट का सब-वेरिएंट है. अब तक दुनिया में सबसे ज्यादा लोग BA.5 से ही संक्रमित हुए हैं. हालांकि भारत में BA.5 या BA.4 की तुलना में BA.2.75 सबसे ज्यादा लोगों को अपनी चपेट में ले चुका है. माना जाता है कि यह वेरिएंट वायरस के अन्य स्वरूपों की तुलना में ज्यादा तेजी से फैलता है. साथ ही बड़ी चिंता की बात यह है कि कोरोना का ये नया वेरियंट BF.7 उन्हें भी संक्रमित कर सकता है जिन्हें वैक्सीन लग चुकी है. इसका इंक्यूबेशन पीरियड काफी कम है जिसका मतलब है कि संपर्क में आने के बाद जल्द ही इसके लक्षण दिखाई देने लगते हैं. माना जाता है कि BF.7 वेरिएंट का रिप्रोडक्शन नंबर 10 से 18.6 तक है. इसका मतलब है कि इससे संक्रमित व्यक्ति 10 से 18.6 अन्य लोगों के बीच वायरस फैला सकता है. वैक्सीन की तीनों डोज से बनी एंटीबॉडीज भी इस वायरस के असर से आसानी से नहीं बचा सकतीं. मालूम हो की BF.7 वेरिएंट के लक्षण ओमीक्रोन के दूसरे सब-वेरिएंट के समान हैं. बुखार, खांसी, गले में खराश, नाक बहना, थकावट, उल्टी और दस्त. यह वेरिएंट कमजोर इम्युनिटी सिस्टम वाले लोगों के लिए गंभीर बीमारी का कारण बन सकता है. हालांकि भारत और चीन की स्थिति और लोगों की इम्युनिटी सिस्टम में भी अंतर है जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है. चीन में BF.7 के कारण दैनिक मामलों में बड़ा उछाल आया है. चीन के हालात बताते हैं कि यह सब-वेरिएंट कोरोना के पुराने स्वरूपों से ज्यादा खतरनाक है क्योंकि यह ज्यादा तेजी से फैलता है.
जानिए चीन का क्या है हाल
कोरोना के जनक माने जाने वाले चीन की हालत इन दिनों बदतर है. लाशों के ढेर से अस्पताल पटा हुआ है. वृद्धों की मौत की दर अधिक है. हालात इतने बेकाबू हैं कि प्रतिदिन करोड़ों लोग इस संक्रमण की चपेट में आ रहे. वहीं एक दिन में तीन करोड़ 70 लाख कोरोना संक्रमित मिलने के बाद चीन सरकार ने आधिकारिक आंकड़ों को जारी करने पर रोक लगा दी है. अब चीन सरकार की तरफ से कोरोना संक्रमितों को लेकर रोजाना जारी की जाने वाली रिपोर्ट जारी नहीं की जाएगी. हालांकि, अभी भी अलग-अलग सोर्स से कई तरह के आंकड़े सामने आ रहे हैं. बता दें ये आंकड़े बेहद डराने वाले हैं. चीन की पत्रकार जेनिफर जेंग ने दावा किया है कि बीते शनिवार को एक दिन के अंदर आठ हजार चीनी नागरिकों ने कोरोना संक्रमण के चलते दम तोड़ा. इसके पहले 21 दिसंबर को सबसे ज्यादा 10 हजार 700 लोगों की मौत हुई थी.
अस्पतालों में नहीं है लाशों को रखने की जगह
चीन का आलम ये है कि अस्पतालों और अंतिम संस्कार स्थलों पर लाशें रखने के लिए जगह तक नहीं बची है. बड़ी संख्या में लाशों से कोल्ट स्टोरेज भी भर गए हैं. मौतों को देखते हुए चीन की कम्युनिस्ट सरकार ने कई शहरों में लाशों को रखने के लिए कोल्ड स्टोरेज की व्यवस्था करनी शुरू कर दी है. कई बड़े-बड़े कंटेनर भी मंगाए गए हैं, जिनमें लाशों को रखा जा रहा है. चीन से कई ऐसी तस्वीरें सामने आईं हैं, जो बेहद दर्दनाक हैं.
हर रोज एक करोड़ से अधिक लोग संक्रमित हो रहे
चीन में कोरोना मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, लगभग हर शहर में हजारों मरीज रोज मिल रहे हैं. पूरे देश के आंकड़े देखें तो एक करोड़ से अधिक संक्रमितों की पहचान प्रतिदिन हो रही है. शुक्रवार को 24 घंटे के अंदर रिकॉर्ड 3.70 करोड़ मरीजों की पहचान हुई थी. इसके पहले 20 दिसंबर को 3.69 करोड़ से अधिक मरीज पाए गए थे. एक दिसंबर से 20 दिसंबर के बीच 24 करोड़ 80 लाख से ज्यादा लोग कोरोना की चपेट में आ चुके हैं.
लाशों के ढेर को देखकर रो पड़े जिनपिंग की पार्टी के सचिव
चीन की पत्रकार जेनिफर जेंग ने ट्वीट कर बताया कि राष्ट्रपति जिनपिंग की कम्युनिस्ट पार्टी के सचिव येन ली हालात का जायजा लेने के लिए निकले थे. इस दौरान वह लाशों के ढेर को देखकर फफक कर रो पड़े. उन्होंने तुरंत और अधिक कोल्ड स्टोरेज की व्यवस्था करने का आदेश दे दिया, जिससे लाशों को सुरक्षित रखा जा सके. बता दें इस वक्त येन खुद कोरोना संक्रमित हैं.
चीन में खून का संकट
कोरोना महामारी के बीच चीन में खून की किल्लत हो गई है. लगातार बढ़ रहे कोविड मरीजों के बीच देश के कई इलाकों में खून की किल्लत हो गई है. ऐसे में लोगों से रक्तदान की अपील की गई है. रक्तदान के दौरान पूरी ऐहतियात बरतने का भी निर्देश दिया गया है. चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स के अनुसार देश के कई क्षेत्र रक्त की कमी का सामना कर रहे हैं. कोविड-19 महामारी और लंबे समय तक ठंड के कारण बढ़े मरीजों को खून की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है.
चीन में हुई दवाओं की किल्लत
बता दें चीन में कोरोना के चलते दवाओं की भारी कमी आ गई है. इसी बीच सरकार ने लोगों से पारंपरिक चीनी दवा लियानहुआ किंगवेन खाने की सलाह दी है. चीन सरकार कोरोना को फ्लू के रूप में पेश करने की कोशिश कर रही है. सरकार की इस हिदायत का लोगों ने विरोध किया है. लोगों का कहना है कि सरकार क्यों इतनी महंगी दवा बांट रही है. हमें सिर्फ बुखार कम करने वाली दवाएं- ब्रूफिन और पेरासिटामोल चाहिए. आखिर क्यों ये आम दवाएं मार्केट में नहीं मिल रहीं हैं? बता दें चीन के मार्केट से बुखार कम करने वाली ये दवायें गायब हो गई है.
84.13 प्रतिशत से ज्यादा लोगों में कोरोना के लक्षण
सीडीसी चीन की एक रिपोर्ट लीक हो गई है. इससे मालूम चला है कि चीन में 84.13 प्रतिशत लोगों में कोरोना के लक्षण मिले हैं. 15.87 प्रतिशत लोग बिना लक्षण वाले हैं. ज्यादातर मरीजों के फेफड़ों पर कोरोना ने असर डाला है. इसके चलते लोगों को सांस लेने में दिक्कत होने लगी है.
झारखंड को आखिर किसका है इंतजार
ऐसे में यदि ये मंजर झारखंड में दिखाई पड़ेगा तो राज्य सरकार की क्या तैयारी है इसकी अभी तक पुष्टि नहीं हुई है. झारखंड खुद को सुविधाओं से लैस होने का दावा तो कर रहा है परंतु इतनी बड़ी आबादी मे संक्रमण को रोकना एक चुनौती है. ऐसे में राज्य सरकार अबतक मास्क पहनने का आदेश तक जारी नहीं की है. ये समझना मुश्किल है की झारखंड सरकार को आखिर किसका है इंतजार.
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