दुमका (DUMKA) : कभी कभी कुछ घटनाएं ऐसी होती है जो मानवता को झंकझोर देती है और इस तरह की घटना में सिस्टम की लापरवाही भी उजागर होती है. ऐसा ही एक मामला झारखंड की उपराजधानी दुमका में सामने आया है. 18 फरवरी को जामा थाना की पुलिस ने कुरूमटांड़ गांव के श्मशान घाट के किनारे आग में झुलसे एक युवक को दुमका के फूलो झानो मेडिकल कालेज अस्पताल में भर्ती कराया लेकिन शनिवार को उसका शव पोस्टमार्टम हाउस के पीछे झाड़ियों में मिला. बर्न वार्ड से युवक पोस्टमार्टम हाउस के पीछे कैसे पहुंचा यह जांच का विषय है, लेकिन इस घटना ने स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही को उजागर कर दिया.
जानकारी के अनुरूप शनिवार दोपहर दुमका के फूलो झानो मेडिकल कॉलेज अस्पताल के पोस्टमार्टम हाउस के पीछे एक शव नगर थाना की पुलिस ने बरामद किया. उस वक्त शव की पहचान नहीं हुई. पोस्टमार्टम के बाद पुलिस ने शव को सुरक्षित रख दिया. बाद में उसकी पहचान उस युवक के रूप में हुई जिसे 18 फरवरी को जामा थाना पुलिस ने कुरूमटांड़ गांव के श्मशान घाट के किनारे से जली हुई अवस्था में उठाकर इलाज के लिए फूलो झानो मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया था.
युवक को PJMCH के बर्न वार्ड में भर्ती कराया गया. बर्न वार्ड में इलाजरत युवक कब वहां से भाग गया और कैसे पोस्टमार्टम हाउस के पीछे पहुंच गया यह किसी को पता नहीं. निश्चितरूप से यह घटना स्वास्थ्य विभाग और PJMCH प्रबंधन की लापरवाही को उजागर करता है. पुलिस द्वारा अज्ञात युवक को भर्ती कराया गया था. अज्ञात मरीज की देख रेख की जिम्मेदारी अस्पताल प्रबंधन की होती है. इस घटना ने सिस्टम की लापरवाही को उजागर कर दिया. अस्पताल से इलाजरत मरीज गायब हो गया लेकिन प्रबंधन ने उसे खोजने का प्रयास भी नहीं किया और न ही इसकी सूचना पुलिस को दिया.
इस बाबत पूछने पर फूलो झानो मेडिकल कॉलेज अस्पताल के अधीक्षक डॉ अजय कुमार चौधरी ने स्वीकार्य किया कि वैसे तो हॉस्पिटल में भर्ती मरीज का देख रेख उसके परिजनों द्वारा की जाती है लेकिन इस मामले में मरीज अज्ञात था तो देख रेख की जिम्मेदारी बर्न वार्ड के कर्मी की बनती थी. मरीज किस तरह वार्ड से बाहर निकल गया और कैसे पोस्टमार्टम हाउस के पीछे पहुंच गया इसकी जांच की जाएगी.
रिपोर्ट-पंचम झा
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