Ranchi-होटवार जेल में बंद ग्रामीण कार्य विभाग का पूर्व मुख्य कार्यपालक अभियंता बीरेन्द्र राम की काली कमाई को सफेद करने के अपराध में दिल्ली से गिरफ्तार राम प्रकाश भाटिया और नीरज मित्तल को आज ईडी की विशेष अदालत में पेश किया जायेगा. राम प्रकाश भाटिया और नीरज मित्तल को ईडी ने 24 जून को दिल्ली से गिरफ्तार किया था, गिरफ्तारी के बाद ईडी की टीम दोनों को दिल्ली से लेकर रांची आई, जिसके बाद दोनों को बिरसा मुंडा केन्द्रीय कारा रांची भेज दिया गया.
फर्जी कंपनियों में निवेश का है आरोप
दावा किया जाता है कि नीरज मित्तल टेंडर घोटाले का आरोपी बीरेन्द्र राम की काली कमाई को अपने फर्जी कंपनियों के माध्यम से उसके चार्टर्ड अकाउंटेंड मुकेश मित्तल के रिश्तेदारों और उसके कर्मियों के बैंक खाते में ट्रान्सफर करता था, साथ ही बीरेन्द्र राम के लिए प्रॉपर्टियों की खऱीद किया करता था. जबकि राम प्रकाश भाटिया निरज मित्तल को फर्जी बिल बनाने से लेकर बैंक खाते में पैसा जमा करवाने में मदद किया करता था. नीरज मित्तल के सहयोग से ही बीरेन्द्र राम ने अपनी काली कमाई का पांच करोड़ रुपये जमशेदपुर से दिल्ली भेजा था.
ईडी ने पेश किया है 76 पन्नों की चार्जशीट पेश
यहां हम बता दें कि ईडी ने ईडी ने अपनी प्रारम्भिक जांच में 76 पन्नों की चार्जशीट पेश किया है, चार्जशीट में ईडी ने यह दावा किया है कि मेसर्स लार्ड इन्फ्राकॉन प्राईवेट लिमिटेड के निदेशक महेन्द्र गोप से वर्ष 2022 से 2023 के बीच बीरेन्द्र राम ने 4.5 करोड़ की कमीशन ली गई थी. दावा किया जाता है कि इसी काली कमाई को फर्जी कंपनियों के सहारे राम प्रकाश भाटिया और नीरज मित्तल के द्वारा सीए के रिश्तेदारों के खाते में डाला जाता था. बाद में इसी पैसे से छतरपुर में जमीन की खरीद की गयी थी.
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