टीएनपी डेस्क (Tnp desk):-तरकश से निकली तीर और जुबान से निकली बात कभी वापस नहीं आती, चाहे आप कितना भी एड़ी-चोटी लगा ले. ये बात सर्वथा सच है. सियासी वार-पलवार का खेल तो इसी पर चलता है. न जाने कितने नेताओं की जुबान फिसली या जहरीले बोल बोले तो कितनी फजहीत का सामना करना पड़ा, कितनों ने कोर्ट के चक्कर लगा लिए, तो कितनों का करियर की सियासत में द एंड हो गया.
इसलिए बड़े बुजुर्गो औऱ शास्त्रों में कहा गया है वाणी ही सबकुछ है. जो किसी भी इंसान को मान-सम्मान और संस्कार को दर्शाता है. आपको याद होगा लोकसोभा चुनाव के दरम्यान कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने पीएम मोदी को चाय बेचने वाला और नीच कह डाला था. इसके बाद तो प्रधानमंत्री मोदी ने तुरंत इससे लपककर जनता के सामने रख दिया. फिर क्या हुआ ये तो सभी को मालूम है. बेचारे मणिशंकर अय्यर साहब आज राजनीति में किस कदर घिसियां के चल रहे हैं औऱ अपनी ही पार्टी मे उनकी क्या हैसियत है. ये किसी से छुपा नहीं है, कांग्रेस में ही कभी अगले नंबर के ये नेता, आज पिछले पायदान पर खड़ा रहकर, समय-समय पर अपना ज्ञान देकर थोड़ी चमक बिखरने की कोशिश करते रहते है. लेकिन, वो रौशनी बिखेर नहीं पाते. खुद कांग्रेस पार्टी ने उनके बयान से किनारा कर लिया था. बेचारे मणिशंकर बाबू राजनीति में ही अघोषित बनवास झेल रहे थे. जो आज तक चल ही रहा है. बुद्दीजिवी नेता माने जाने वाले मणिशंकर अय्यर साहब की सियासत मानो ढल कर शाम हो गयी है. जहां सूरज उदय होता नहीं दिखता है. .
इंडिया नेताओं के जहरीले बोल
इस बार पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव की बिसात और कशमकश चल रही है. इसके बाद सबसे बड़ी लोकसभा की अग्निपरीक्षा आने वाली है. एनडीए और इंडिया में जोर अजमाईश के सारे खेल खेले जा रहे हैं. लगातार दो बार से दिल्ली की सत्ता पर काबिज मोदी सरकार के लिए हैट्रिक जमाने का शानदार मौका है. इस बीच इंडिया नाम का गठबंधन तो हो गया है. लेकिन, इनके नेताओं में सामंजस्य, संतुलन और प्रोटोकॉल की ऐसी गैरमौजूदगी दिखती है.मानों सबी बेलगाम बोल बोलकर अपनी ही लुटिया डूबाने पर आमदा है. इनके जहरीले बोल भाजपा को संजीवनी बूटी दे रही है. भारतीय जनता पार्टी लगे हाथों चुनावी सभा में इसे रखकर सहानभूति और सनतान का असली सिपहसालर खुद को घोषित करने में लगी है. अभी नीतीश कुमार ने बिहार विधानसभा में जो कुछ महिलाओं औऱ जनंसंख्या नियंत्रण पर बेहुदे और फूहड़ तरीके से अपनी बात रखी. इससे सियासी तूफान अभी मचा हुआ है. खुद पीएम मोदी मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में सभाओं के दौरान घमंडिया गठबंधन के बड़े नेता के तौर पर नीतीश को इशारों ही इशारों में महिलाओं से तहजीब से बात करने और इज्जत देने की गुजारिश करके तंज कसते नजर आए. प्रधानमंत्री मोदी ने हमलावर अंदाज में इंडिया गठबंधन औऱ नीतीश पर चुटकी ली और कहा ‘ओर कितना नीचे गिरोगे, दुनिया में देश को और कितना नीचे गिराओंगे’ . बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सेक्स एजुकेशन की चर्चा सिर्फ देश ही नहीं विदेशों में भी खूब धूम मचाए हुए है. महिला आयोग ने भी कटघरे में खड़ा किया औऱ अपने भी उनसे तल्खी रख रहे हैं.
सनातन पर स्टालिन और रजा के बेतुके बोल
इंडिया गठबंधन के साथ-साथ चल रही तमिलनाडु की सत्ता रुढ़ पार्टी डीएमके के नेता उदयनिधी स्टालिन ने सनातन धर्म की तुलना मलेरिया, डेंगु और मच्छर से की और इसके खत्म करने की बात कह डाली. सनातन पर स्टालिन ने तो अपनी बात से पीछे भी नहीं हटा. स्टालिन तो कहा ही , इसके साथ ही ए. राजा ने भी सनातन धर्म के खिलाफ जहर उगला. उसने तो चार कदम आगे बढ़कर सनातन को एड्स और कोढ़ तक कह डाला और इसे पूरी दुनिया से खत्म करने की बात कह डाली. हालांकि, इसे लेकर बीजेपी लगातार हमलावर है औऱ चुनावी सभा में स्टालिन औऱ रजा के बयानों को अभी तक चुनावी रैलियों में बताकर अपनी तरफ मतदाताओं को खींचने में लगी हुई है. इंडिया गठबंधन का ही सबसे मजबूत दल कांग्रेस अध्यक्ष मलिकाअर्जुन खरगे के बेटे औऱ कर्नाटक सरकार में मंत्री प्रियांक खरगे ने भी सनातन पर नफरती बोल बोले. उनका कहना था कि जो धर्म समानता को बढ़ावा नहीं देता, इंसान की गरीमा सुनिश्चित नहीं करता. वो बीमारी की तरह है. लगातार सनातन धर्म की मुखालफत कर इंडिया गधबंधन खुद फंसा हुआ महसूस कर रहा है. हालांकि, कांग्रेस पार्टी ने इन बयानों से खुद को किनारे कर बचती नजर आ रही है. राहुल गांधी तो खुद मंदिर-मंदिर घूम कर सबसे बड़ी सनातनी बता रहे हैं.
सनातन विरोधियों पर भाजपा हमलावर
सनातन के विरोध औऱ बेतुके बोल पर भाजपा लगातार हमलावर प्रधानमंत्री मोदी औऱ गृह मंत्री अमित शाह लगातार इसे लेकर इंडिया गधबंधन पर तल्ख तेवर अपनाए हुए हैं. मध्यप्रदेश की चुनावी रैलियों में प्रधानमंत्री मोदी ने आक्रमक तेवर अपनाएं हुए हैं. अपने भाषण में पीएम ने विपक्ष के बारे में कहा कि घमंडिया गठबंधन की नीति और रणनीति भारत की संस्कृति पर हमला करने पर आमदा है. ये सनातन संस्कारों औऱ परंपरा को समाप्त करने का संकल्प लेकर आए हैं. इसी सनातन को महात्मा गांधी ने जीवनपर्यत माना, इसके अस्पृश्यता के खिलाफ आंदोलन चलाने के लिए प्रेरित किया. लेकिन, इसी घमंडिया गठबंधन के नेता सनातन समाप्त करने पर तुले हैं. अभी भी चुनावी रैलियों में सनातन का मुद्दा भाजपा गरमाए हुए हैं, इसकी सुलगन को बुझाना नहीं चाहती है.
जहर बुझे बयान पर बीजेपी की बल्ले-बल्ले I.N.D.I.A
याद कीजिए पिछले लोकसभा चुनाव में जब पीएम मोदी राहुल गांधी के नारे ‘चौकीदार चोर है’ का नारा, मणिशंकर अय्यर का चायवाला कहकर तंज मारना औऱ सोनिया गांधी के ‘मौत के सौदगार’ वाले बयान को खूब करीने से भूनाया. इसका फायदा भी उन्हें खूब मिला और लोकसभा में बारी बहुमत से जीतकर भी आये. मोदी लगातार अपनी अगुवाई में भाजपा के लिए रिकॉर्ड पर रिकॉर्ड बना रहे हैं. इस बार उन्होंने सनातन का मुद्दा जोर-शोर से लपक कर सुर्खिया बटोर रहे हैं. हाल के दिनों में सनातन, रामचरित मानस और इसकी चौपाईयों पर जहर बीजेपी विरोधी पार्टियां उगलती रही. आरजेडी के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर यादव ने तो इसे नफरत फैलने वाला ग्रंथ तक करार दिया था. उनके इस बयान पर भी बवाल मचा था. समाजवादी पार्टी के स्वामी प्रसाद मोर्य तो रामचरित मानस की कुछ चुनिंदा दोहों, चौपाइयों का हवाला देकर जहर उगलते रहें हैं.
इस सच्चाई से इंकार नहीं किया जा सकता कि जहर बुझे बयान या नफरती बोल भाजपा को ही ताकत देगी . पिछले चुनाव इसका गवाह है कि किस तरह भाजपा ने विरोधियो के बयान को चुनाव में इस्तेमाल कर सत्ता की सीढ़ी चढ़ने का रास्ता बनाया. हाल के दिनों में लगातार राम के वजूद, रामचरित मानस और सनातन पर तर्क-वितर्क, विरोध और जहरीले बोल से बेकफुट पर इंडिया गधबंधन ही आयेगी.
रिपोर्ट- शिवपूजन सिंह
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