भागलपुर(BHAGALPUR): - भागलपुर जिले के नाथनगर में एक दर्दनाक घटना सामने आई है, जिसमें जयदेव यादव नामक युवक के पॉकेट में रखा मोबाइल फोन कॉल आते ही विस्फोट कर गया. इस विस्फोट में जयदेव की दाहिनी जांघ में गंभीर चोट आई है. घटना सुबह 8 बजे की है जब जयदेव नहाकर बाहर निकला और हाफ पेंट पहनकर उसने अपना मोबाइल फोन पॉकेट में रखा. जैसे ही एक फोन आया और उसने पॉकेट में हाथ डाला, वैसे ही मोबाइल तेज आवाज के साथ विस्फोट कर गया.
विस्फोट के चलते जयदेव की पेंट, अंडर गारमेंट्स और पैर के साइड का हिस्सा जल गया. आनन-फानन में परिवारवालों ने स्थानीय निजी डॉक्टरों को बुलाकर उसका इलाज कराया. जयदेव के बड़े भाई संजय कुमार यादव ने घटना का विवरण देते हुए बताया कि वीवो कंपनी का मोबाइल पूरी तरह से फट गया. उन्होंने कहा, "भगवान का शुक्र है कि मोबाइल पॉकेट में फटा, यदि यह कान के पास फटता तो बड़ी दुर्घटना हो सकती थी. अब हमें मोबाइल कॉल उठाने में भी डर लगने लगा है."
स्थानीय लोगों ने बताया कि इन दिनों लगातार पाकिस्तान के नंबर (+92) से फेक कॉल्स आ रहे हैं. ये कॉल्स कभी पैसे मांगते हैं, तो कभी मोबाइल हैक करने की कोशिश करते हैं. ऐसे कॉल्स की वजह से कॉल उठाने में डर लगता है और इस मोबाइल विस्फोट की घटना ने इलाके में और ज्यादा भय का माहौल पैदा कर दिया है.
इस घटना ने मोबाइल फोन की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि मोबाइल फोन की बैटरियों में खराबी, ओवरहीटिंग, या अन्य तकनीकी खामियों के कारण ऐसे विस्फोट हो सकते हैं. इसके साथ ही, फेक कॉल्स और साइबर सुरक्षा के खतरों पर भी ध्यान देने की आवश्यकता है.
स्थानीय प्रशासन और मोबाइल कंपनियों को इस दिशा में ठोस कदम उठाने की जरूरत है. प्रशासन को फेक कॉल्स की जांच कर उन्हें रोकने के प्रयास करने चाहिए, जबकि मोबाइल कंपनियों को अपने उत्पादों की गुणवत्ता और सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए.
इस घटना ने न सिर्फ नाथनगर बल्कि पूरे भागलपुर जिले में एक चेतावनी का संकेत दिया है. मोबाइल फोन के उपयोगकर्ताओं को भी सतर्क रहना चाहिए और किसी भी संदिग्ध गतिविधि या कॉल्स की तुरंत सूचना संबंधित अधिकारियों को देनी चाहिए.
विशेषज्ञों की राय
विशेषज्ञों का कहना है कि मोबाइल विस्फोट की घटनाओं में वृद्धि का मुख्य कारण बैटरी की गुणवत्ता में कमी है. इसके अलावा, चार्जिंग के दौरान मोबाइल का अत्यधिक उपयोग, नॉन-अॉथराइज़्ड चार्जर का उपयोग, और मोबाइल की ओवरहीटिंग भी इसके मुख्य कारण हो सकते हैं. लोगों को सलाह दी जाती है कि वे हमेशा ऑथराइज़्ड चार्जर और एक्सेसरीज़ का ही उपयोग करें और चार्जिंग के दौरान मोबाइल का अत्यधिक उपयोग न करें.
प्रशासन की पहल
घटना के बाद स्थानीय प्रशासन ने फेक कॉल्स की घटनाओं पर सख्त कदम उठाने की बात कही है. प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध कॉल को तुरंत रिपोर्ट करें और फेक कॉल्स से बचने के लिए जागरूक रहें. यह घटना एक बार फिर से मोबाइल फोन की सुरक्षा और फेक कॉल्स के खतरों पर ध्यान देने की आवश्यकता को उजागर करती है. स्थानीय प्रशासन और मोबाइल कंपनियों को इस दिशा में ठोस कदम उठाने की जरूरत है.
रिपोर्ट:आलोक झा
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