Patna- जहां इस दुर्गा पूजा के अवसर पर राजधानी रांची और झारखंड के दूसरे शहरों में कोलकता से आये कारीगरों का जलबा चल रहा है, वहीं झारखंड से दूर पटना के रुकनपुरा में हमारे कारीगरों इटली के प्रसिद्ध सेंट बेसिलिका चर्च की आकृति में मां दुर्गा को विराजमान कर अपने हाथों का जादू बिखेर यह साबित कर दिया है कि उनकी कारीगरी का कोई तोड़ नहीं है. आज पूरे पटना में इस पंडाल की चर्चा हो रही है, शहर हर कोनें से लोगों की भीड़ उमड़ रही है.
स्थापत्य कला का बेहतरीन उदाहरण है सेंट बेसिलिका चर्च
यहां बता दें कि वेटिकन में स्थित सेंट पीटर का पापल बेसिलिका चर्च का निर्माण चौथी सदी में रोमन डोनाटो ब्रैमांटे , माइकलएंजेलो , कार्लो मदेर्नो और जियान लोरेंजो बर्निनी द्वारा डिजाइन किया गया था, इसे पुनर्जागरण वास्तुकला का बेहतरीन उदाहरण माना जाता है. उस खूबसुरती को अपने हाथों से उतारना और उसमें मां दुर्गा की प्रतिमा को स्थापित करना बेहद चुनौतीपूर्ण कार्य था. लेकिन महीनों की मेहनत के बाद झारखंडी कारीगीरों ने इस असाध्य कार्य को पूरा कर अपने हुनर को साबित कर दिया.
महज 15 लाख में सेंट बेसिलिका चर्च का निर्माण
सबसे बड़ी बात यह है कि इसके निर्माण में महज 15 लाख का खर्च आया, जो दूसरे पंडालों की तुलना में बेहद कम है. आयोजकों का कहना है कि पिछले 18 वर्षों से उनके यहां इन्ही कारीगरों के द्वारा निर्माण करवाया जाता है, और हर बार वह कुछ अलग कर जाते हैं, जबकि हमारी लागत भी शहर के दूसरे पंडालों की तुलना में बेहद कम आती है. लेकिन इसकी तैयारी और थीम को लेकर हम काफी पहले से काम शुरु कर देते हैं, अगला वर्ष की योजना और उसके थीम पर अभी से काम शुरु कर दिया गया है.
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