गोपालगंज(GOPALGANJ): बिहार में शराब की सूचना पुलिस को देना मौत को दावत देना है. हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं कि गोपालगंज में ऐसा ही मामला सामने आया है. जहां शराब मुखबिर की सूचना देने पर शराब माफियाओं ने महिला की गोली मारकर हत्या कर दी. जबकि सात अन्य लोगों को चाकू व धारदार हथियार से हमला कर घायल कर दिया. सनसनीखेज इस वारदात के पीछे क्या है पूरी कहानी जानिए विस्तार से.
8 लोगों पर नामजद प्राथमिकी दर्ज
खौफ और मातम की ये वारदात गोपालगंज जिले के उचकागांव थाना क्षेत्र के जमसड़ हाता गांव की है. जहां शराब माफियाओं ने पुलिस मुखबिर का आरोप लगाकर घर में घुसकर अंधाधुंध गोलियां चलाई. गोलीबारी की इस घटना में 60 साल की टून्नी देवी की मौत हो गई. जबकि महिला के पति शंभू पटेल समेत परिवार के 7 लोग चाकू और अन्य धारदार हथियार के हमले में घायल हो गए. पुलिस ने इस मामले में 8 लोगों पर नामजद प्राथमिकी दर्ज की है. जिसमें शराब माफिया मन्नू पटेल फरार है. जबकि विद्यानंद पटेल, सुनरपति देवी और सूरज पटेल को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. बाकी के तीन अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए हथुआ एसडीपीओ नरेश कुमार के नेतृत्व में पुलिस छापेमारी कर रही है.
शराब माफियाओं का मनोबल बढ़ा
दरअसल बिहार में शराबबंदी कानून लागू है और शराब बेचना और शराब की तस्करी करना दोनों कानूनन अपराध है. लेकिन इस इलाके में शराब माफिया पुलिस से बेखौफ होकर शराब का धंधा कर रहे हैं. शराब माफियाओं को जब-जब किसी पर मुखबिरी का शक हुआ उसपर हमला किया. 18 अगस्त की रात भी शम्भू पटेल के परिवार के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ. मृतक महिला के पुत्र विक्की पटेल का आरोप है कि इलाके के शराब माफिया काफी दिनों से सक्रिय होकर शराब का धंधा करते हैं. जो विरोध करता है उन्हें गोली मार देते हैं. एक माह पहले भी शंभू पटेल के परिवार के साथ शराब मुखबिरी का आरोप लगाकर हमला किया गया था. उसके पहले गांव के ही एक युवक पर जानलेवा हमला किया गया था. मामले में पीड़ित परिवार की ओर से थाने में शिकायत भी दर्ज कराई गई थी, लेकिन पुलिस ने कोई एक्शन नहीं लिया. लिहाजा शराब माफियाओं का मनोबल और बढ़ता गया.
गोपालगंज के पुलिस कप्तान आनंद कुमार भी मान रहे हैं कि जिन लोगों पर गोली चलाने का आरोप है कि उनका पूर्व से अपराधिक इतिहास रहा है. कुख्यात मन्नू पटेल और सूरज पटेल पर शराब के तीन केस और जानलेवा हमले के केस दर्ज हैं. हाल ही में जेल से दोनों बारह निकले थे और फिर खूनी खेल खेला. एसपी के मुताबिक तीन अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया गया है, जिसमें एक महिला भी शामिल है. बाकी के अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस छापेमारी कर रही है. अब सवाल उठता है कि शराबबंदी वाले बिहार में शराब की तस्करी की सूचना देना क्या गलत है. अगर सूचना देनेवालों की ऐसे ही हत्या होगी, तो पुलिस को शराब बिक्री की सूचना कौन देगा. जबकि सरकार लोगों से अपील करती है कि शराब बिक्री की सूचना दीजिए. दूसरा सवाल है कि शराब माफियाओं का इतना मनोबल कैसे बढ़ गया कि खाकी का खौंफ ही खत्म हो गया. अगर पुलिस और सरकार ऐसे मामलों को गंभीरता से लेकर कार्रवाई नहीं करती है तो बिहार में शराब माफिया ऐसे ही खूनी खेल खेलते रहेंगे.
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