बिहार में मिला H3N2 इन्फ्लूएंजा वायरस का पहला मामला, सैंपल की जांच में एक महिला संक्रमित

पटना(Patna): बिहार के पटना में H3N2 इन्फ्लुएंजा वायरस ने दस्तक दे दी है. राजेंद्र मेमोरियल रिसर्च इंस्टीच्यूट के जांच में एक महिला इससे संक्रमित पाई गई है. बिहार में H3N2 इन्फ्लुएंजा का यह पहला मामला सामने आया है. जानकारी के अनुसार इस वायरस का कोरोना जैसा ही इफेक्ट है. ये वायरस भी सीधे लंग्स पर अटैक करता है. मामला सामने आने के बाद बिहार के सभी अस्पालों में अलर्ट जारी.
सैंपलों की जांच में मामला आय़ा सामने
ओपीडी में दिखाने के दौरान महिला मरीज का सैंपल लिया गया था. जांच में H3N2 से पीड़ित होने की पुष्टि हुई. यह जानकारी आरएमआरई के निदेशक डॉ. कृष्णा पांडेय ने दी. उन्होंने बताया कि ओपीडी में इस महीने 21 सैंपलों की जांच हुई, जिसमें एक सैंपल पॉजिटिव पाया गया. पीएमसीएच के वरीय फिजिशियन डॉ. बीके चौधरी की माने तो ओपीडी में 30 से 40 फीसदी मरीज सर्दी, खांसी, बुखार, उल्टी, बदन दर्द, गले में खराश से पीड़ित आ रहे हैं. सेरोलॉजी जांच से ही पता चलता है कि मरीज H3N2 इन्फ्लुंएजा वायरस से पीड़ित है या नहीं.
केंद्र सरकार ने सतर्कता बरतने की दी सलाह
दूसरी ओर, H3N2 के बढ़ते मामले के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने सभी राज्य सरकारों को पत्र लिखकर सतर्कता बरतने की बात कही है. केंद्र ने कहा है कि इंफ्लुएंजा-ए के उप-स्वरूप एच3एन2 (हांगकांग फ्लू) और कोरोना के बढ़ते मामलों की कड़ी निगरानी करें और सतर्क रहें. देश में हांगकांग फ्लू के मामलों में वृद्धि के बीच कुछ राज्यों में कोरोना संक्रमण दर में क्रमिक बढ़ोतरी को लेकर चिंता जताते हुए केंद्र ने यह बात कही.
झारखंड पूरी तरह तैयार
झारखंड में फिलहाल H3N2 का एक भी मरीज नहीं है. लेकिन राज्य में स्वास्थ्य विभाग इसे लेकर पूरी तरह अलर्ट मोर्ड पर है. राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स को संभावित खतरे को देखते हुए पूरी तरह से तैयार किया जा रहा है. हालांकि डॉक्टरों की माने तो अभी इससे सर्तक होने की जरूरत है, डरने की नहीं.
क्या हैं H3N2 के लक्षण
बुख़ार, कफ़, मितली, उल्टी, गले में दर्द, शरीर में दर्द, थकान, आंतों में सूजन के साथ ख़ूनी दस्त इसके साथ ही अगर सांस लेने में तकलीफ़ या लगातार बुख़ार, सीने में दर्द, खाने में तकलीफ़, चक्कर और फिट आने जैसी समस्या होती है तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए. इंडियन काउंसिल फ़ॉर मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के मुताबिक़ कमज़ोर इम्युनिटी ख़ासकर बच्चे, बूढ़े और बीमार लोगों में इसके गंभीर लक्षण देखे जा सकते हैं.
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