पटना(PATNA): बिहार के पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ सकती हैं. दरअसल राऊज एवेन्यू कोर्ट ने नौकरी के बदले मामले में लालू प्रसाद यादव, तेजस्वी यादव और अन्य आरोपियों को समन जारी किया है. कोर्ट ने अखिलेश्वर सिंह के साथ-साथ उनकी पत्नी किरण देवी को भी समन भेजा है. कोर्ट ने यह भी कहा है कि तेज प्रताप यादव की भी संलिप्तता से इनकार नहीं किया जा सकता. वह एके इंफोसिस लिमिटेड के निदेशक भी थे. उन्हें भी तलब किया गया है. कोर्ट ने सभी को सात अक्टूबर को पेश होने के लिए कहा है.
ED ने छह अगस्त को 11 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था, जिनमें से चार की पहले ही मौत हो चुकी है. जिसमें कोर्ट ने सभी चार व्यक्तियों का मृत्यु प्रमाण पत्र जमा करने का आदेश दिया था. कोर्ट ने मामले में मुकदमा चलाने के लिए प्रथम दृष्टया में पर्याप्त सबूत होने की बात कही है. कोर्ट ने कहा कि बड़ी तादात में ज़मीन का ट्रासंफर हुआ, यादव परिवार द्वारा पद का दुरुपयोग किया गया. कोर्ट ने कहा कि यादव परिवार के नाम पर ज़मीन का ट्रांसफर हुआ है. लालू प्रसाद यादव मनी लांड्रिंग में शामिल थे. तेजस्वी यादव के खिलाफ भी मामले में पर्याप्त सबूत हैं. किरण देवी ने मीसा भारती के नाम पर ज़मीन ट्रांसफर किया जिसके बदले में किरण देवी के बेटे को नौकरी दी गई, इसमें किरण देवी के पति भी शामिल थे. AK इंफोसिस्टम द्वारा राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव और तेजप्रताप यादव को 2014 में बड़ी तादात में ज़मीन ट्रांसफर किया गया. इसलिए तेज प्रताप यादव भी लालू यादव परिवार के सदस्य है और मनी लांड्रिंग में इनकी भूमिका से इनकार नहीं किया जा सकता है.
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