31 जनवरी की वो काली रात...जब सीएम हुए थे गिरफ्तार, बाहर निकलते ही हेमंत सोरेन ने बदल दिया सियासी माहौल
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टीएनपी डेस्क (TNP DESK) : 31 जनवरी 2024 झारखंडी के जेहन से कभी नहीं भूलने वाला दिन है. इस दिन ही राज्य की राजनीतिक में एकाएक बवाल मचा था. ईडी की कार्रवाई हुई...और फिर रात 8 बजे सिटिंग सीएम की गिरफ्तरी हुई. इसके बाद यह भी आरोप लगा कि पहली बार किसी राजभवन से सीएम को गिरफ्तार किया गया. यह वो दिन है जिसके बाद राज्य में एक अलग ही राजनीति की शुरुआत हुई.
गिरफ्तारी के बाद हेमंत सोरेन की पहली बार तस्वीर सामने आयी, जिसमें चेहरे पर मुस्कान थी, यही नहीं जब कोर्ट में पेश किया तब भी मनोबल भी हाई था. चेहरे बताने के लिए काफी थे कि जब कुछ किया ही नहीं तो डर कैसा. यह वो तस्वीर थी जिसने पूरा चुनाव का माहौल ही बदल दिया. लोकसभा में आदिवासी सीट पर विपक्ष का सुपड़ा साफ किया तो विधानसभा में रिकार्ड सीट जीत गए.
चलिए अब थोड़ा पीछे लेकर चलते है. 31 जनवरी 2024 का दिन राज्य में अलग दिन रहा. दोपहर एक बजे ईडी के अधिकारी कांके स्थित मुख्यमंत्री आवास पहुंचे. यहां पहुंचने के बाद ठीक आधे घंटे के बाद पूछताछ शुरू हुई. पूछताछ के बाद शाम करीब 7 बजे यह पुष्टि हुई कि अब झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन को ईडी ने हिरासत में ले लिया है. इसके बाद मुख्यमंत्री आवास के आस पास BNS की धारा 189 लागू कर दी गई. जिसके बाद बड़े अधिकारी भी मुख्यमंत्री आवास पहुंच गए. राज्य के मुख्य सचिव के अलावा महाधिवक्ता समेत कई अधिकारियों का काफिला मुख्यमंत्री आवास पहुंचा.
इसके बाद मुख्यमंत्री आवास के दूसरे गेट से सीएम हेमंत सोरेन को लेकर ईडी के अधिकारी राजभवन पहुंच गए. इस दौरान जब हेमंत सोरेन पर कैमरे की नजर पड़ी तो आगे की सीट पर हेमंत सोरेन बैठे थे. चेहरे पर मुस्कान थी, थम्स अप करते हुए राजभवन के अंदर गए. इस दौरान उनके साथ चंपाई सोरेन के अलावा कई विधायक भी साथ थे. हेमंत सोरेन ने अपना इस्तीफा राज्यपाल सीपी राधा कृष्णन को सौंपा. इसके बाद मीडिया के कैमरे हेमंत सोरेन का इंतजार करते रहे, लेकिन ईडी के अधिकारी उन्हें दूसरे दरवाजे से लेकर निकल गए.
रात 9 बजे के करीब एयरपोर्ट स्थित प्रवर्तन निदेशालय के क्षेत्रीय कार्यालय के पास डॉक्टरों की टीम पहुंची. हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन अपने बच्चों के साथ ईडी दफ्तर पहुंच कर मुलाकात की. करीब 10 बजे के आस पास एक पोस्ट हेमंत सोरेन के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर जारी किया गया. जिसमें लिखा था कि-
“यह एक विराम है
जीवन महासंग्राम है
हर पल लड़ा हूं, हर पल लड़ूंगा
पर समझौते की भीख मैं लूंगा नहीं
क्या हार में, क्या जीत में
किंचित नहीं भयभीत मैं
लघुता न अब मेरी छुओ
तुम हो महान, बने रहो
अपने लोगों के हृदय की वेदना
मैं व्यर्थ त्यागूंगा नहीं
हार मानूंगा नहीं...
जय झारखण्ड!” .
इस कविता को पढ़ कर झामुमो के कार्यकर्ता और नेता मायूस ना हो कर खुश हुए. इसके बाद फिर एक वीडियो भी जारी किया गया, जिसमें हेमंत सोरेन का संदेश था. जिसमें उन्होंने अपनी पूरी बात रखी. बताया कि उनकी गिरफ़्तारी की पटकथा बहुत पहले से लिखी जा रही थी. उन्हे कोई अफसोस नहीं है, उन्होंने झुकना स्वीकार नहीं किया.
इसके बाद हेमंत सोरेन को कोर्ट में पेश किया गया. जहां एक ओर कार्यकर्ता मायूस दिख रहे थे तो दूसरी ओर हेमंत सोरेन मुस्कुरा कर कोर्ट में पहुंचे. यह वो मुस्कान थी जिसने अपने कार्यकर्ताओं में तो जोश भर दिया, लेकिन विपक्ष सोच में पड़ गया आखिर गिरफ़्तारी के बाद मुस्कुराहट कैसे.
इसके बाद फिर चंपई सोरेन की सरकार बनी और हेमंत सोरेन कोर्ट के आदेश के बाद विधानसभा पहुंचे यहां वोटिंग किया. बाद में जब सदन में बोलना शुरू किया तो सभी चुप हो गए. इस दिन ही हेमंत ने राजभवन पर भी कई गंभीर आरोप लगाया था-“हेमंत ने कहा था आंसू नहीं बहाऊंगा, हमारे आंसू की कीमत इनके पास नहीं है.”
रिपोर्ट-समीर
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