टीएनपी डेस्क (TNP DESK): बिहार के वन एंव पर्यावरण मंत्री और लालू यादव के बड़े लाल तेज प्रताप यादव की पत्नी ऐश्वर्या की याचिका पर पटना के फैमिली कोर्ट ने फैसला सुनाया है. कोर्ट ने इस मामले में माना है कि तेज प्रताप ने अपनी पत्नी ऐश्वर्या राय के खिलाफ घरेलू हिंसा की थी. कोर्ट ने आदेश जारी किया है कि राबड़ी देवी के घर के जैसा ऐश्वर्या को भी घऱ दिया जाए.
इसके साथ ही कोर्ट से सख्त रूप से हिदायत दी है कि ऐश्वर्या के साथ अब कोई घरेलू हिंसा नहीं होनी चाहिए. फिलहाल कोर्ट 31 अक्टूबर को अगली सुनवाई के दौरान देखेगा कि ऐश्वर्या को तेज प्रताप के द्वारा सुविधा मुहैया कराई गई है या नहीं.
कुछ ही दिन चली थी दोनों की शादी
बता दें कि लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव और ऐश्वर्या की शादी 12 मई 2018 में हुई थी. लेकिन शादी के पांच महीने के बाद ही दोनों के रिश्तो में दरार आने लगे थे. जहां एक तरफ तेज प्रताप अपनी पत्नी ऐश्वर्या को साइकिल में बैठा कर घुमाते थे. लेकिन पांच महीने के बाद तेज प्रताप ने सिविल कोर्ट के परिवार न्यायालय में तलाक की अर्जी डाल दी. तो वहीं ऐश्वर्या ने भी पति पर प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए थाने पहुंच गई. जब यह मामला कोर्ट में पहुंचा तो कोर्ट ने भी दोनों की सुलह कराने की कोशिश की लेकिन वह भी पूरी तरह नाकाम रही.
ऐश्वर्या ने तेज प्रताप पर लगाया था प्रताड़ना का आरोप
वहीं ऐश्वर्या ने तेज प्रताप पर आरोप लगाया था कि शादी के बाद से ही तेजप्रताप उसे मानसिक, शारीरिक और आर्थिक रूप से परेशान किया जा रहा था. इसके साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और ननद मीसा भारती पर भी मारपीट का आरोप लगाया कर निचली अदालत में घरेलू हिंसा का मामला दर्ज कराया था. जिसके बाद निचली अदालत ने तलाक के मामले पर सुनवाई करते हुए ऐश्वर्या के लिए भरण पोषण भत्ता तो तय कर दिया था. लेकिन घरेलू हिंसा के मामले में प्रोटेक्शन को लेकर ऐश्वर्या को कोर्ट से कोई राहत नहीं मिली थी. जिसके बाद ऐश्वर्या ने निचली अदालत के फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील दायर की थी.
हाईकोर्ट के आदेश के बाद निचली अदालत में शुरू हुई सुनवाई
हाईकोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए निचली अदालत के फैसले को पलट दिया. हाईकोर्ट ने निचली अदालत को आदेश देते हुए कहा कि घरेलू हिंसा के मामले पर फिर से सुनवाई की जाए. इस फैसले के बाद निचली अदालत ने सुनवाई करते हुए 21 दिसंबर 2019 को फिर से सुनवाई करने का फैसला लिया.
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