टीएनपी डेस्क (Tnp desk):- आठ महीने का वक्त गुजर गया. लेकिन, अभी तक एक टीचर की कोई खोज-खबर नहीं है. आखिर 30 साल के कमलेश कहा चले गये, इस दुनिया में है भी की नहीं. यह एक सवाल बन गया है. दरअसल, बिहार के भोजपुर में बड़हरा थानाक्षेत्र के महुली घाट से करीब आठ महीने पहले प्राइवेट शिक्षक कमलेश कुमार लापता हो गये थे. जिसकी अभी तक कोई भी सुराग नहीं मिला है. उनकी बरामदगी को लेकर पुलिस ने पचास हजार रुपए का इनाम भी रखा है.
पता बताने वाले को 50 हजार का इनाम
शाहाबाद प्रक्षेत्र के डीआइजी नवीन चन्द्र झा ने पुरस्कार राशि का एलान किया है. भोजपुर एसपी प्रमोद कुमार ने पुरस्कार राशि घोषित करने की अनुशंसा की थी. जिस पर डीआइजी ने स्वीकृति की मुहर लगायी. जिसकी मान्यता दो साल की रखी गयी है. इस दरम्यान कोई भी व्यक्ति गायब शिक्षक कमलेश कुमार के बारे में सूचना देगा और बरामदगी में सहयोग करेगा, उसे पुरुष्कार राशि दी जाएगी.
शिक्षक के परिजन हत्या की आशंका जता रहे हैं. मामला पटना हाईकोर्ट भी पहुंच गया है. बताया जाता है कि कमलेश मूल रुप से बड़हरा के कोल्हरामपुर गांव निवासी राजेश कुमार राय के पुत्र हैं. वह आरा के फ्रेंडस कॉलोनी और अनाईड में रहकर प्रतियोगी पीरक्षा की तैयारी करते थे.
आखिर कहां गायब हो गये कमलेश
13 जुलाई 2023 को 30 साल के कमलेश अपने ससुराल मौलाबाग से ददिया सास के दाह संस्कार में भाग लेने बड़हरा के महुली गंगा घाट पर बाइक से गए थे. इसके बाद शाम साढ़े चार बजे अपने रिश्तेदार से यह बोलकर निकले थे कि बड़हरा किसी काम से जाना है, लेकिन रात तक वे अपने घर नहीं पहुंचे थे. काफी खोजबीन की गई . लेकिन, कुछ भी अता-पता नहीं चला . आखिरकार परिजनों ने 14 जुलाई 2023 को बड़हरा थाना में अपहरण की प्राथमिकी कराई थी. उस समय जांच में सरैया तक सीसीटीवी फुटेज खंगाला गया था, जिसमे एक फुटेज भी मिला था. कमलेश का बबुरा, बड़हरा के आसपास मोबाइल का अंतिम लोकेशन मिला था.
एक लड़की से अफेयर की चर्चा
पुलिस को शुरुआती जांच यह बात पता चल रही है कि पढ़ाने के दौरान एक छात्रा से अफेयर चल रहा था. इस दौरान छात्रा का चयन 2019 बैच की महिला दारोगा के रुप में हो गया था. चर्चा है कि पढ़ने और पढ़ाने के ही समय दोनों रिलेशनशिप मे थे. इसलिए रहस्यमय तरीके से गायब होने को लेकर स्वजन हत्या की आशंका जता रहे हैं. हालांकि, जिला पुलिस हत्या नहीं बल्कि अपहरण मानकर ही चल रही है.
इधर, कमलेश के पिता राजेश कुमार ने इस मामले में पटना हाईकोर्ट में एक याचिका भी दायर किया था. जिस पर कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए सीबीआइ से जांच कराने का आदेश दिया है.
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