बड़ी खबर: झारखंड विधानसभा कैंटीन में घोटाला! एक दिन में 5 लाख का खिला दिया खाना

रांची(RANCHI): झारखंड विधानसभा में बजट सत्र के दौरान 1 और 2 मार्च को सिर्फ दो दिनों में 10 लाख से ज्यादा का खाना परोसा गया. वो भी शनिवार और रविवार को जब विधानसभा में सभी विधायक मौजूद नहीं थे. 81 में से सिर्फ 20 विधायक ही ट्रेनिंग में पहुंचे, लेकिन 500 लोगों को खाना परोसा गया. ऐसे में अब सवाल ये है कि इतना खाना खिलाया किसे गया ? यही नहीं इसके भुगतान के लिए रेस्टोरेंट की तरफ से विधानसभा के प्रभारी सचिव को बिल भी भेजा गया है.
बिल में बताया गया है कि विधानसभा में ट्रेनिंग के दौरान 500 लोगों को खाना परोसा गया. जिसकी एक प्लेट की कीमत 900 रुपये और 500 प्लेट की कीमत 4,45000 रुपये है. इसके अलावा हाई टी 200 की कीमत 200 रुपये प्रति प्लेट लिखी गई, इसके बाद 200 लोगों के लिए चाय विद कुकी की कीमत 40 रुपये बताई गई. इसी तरह दो दिनों का बिल बनाया गया. जिसमें कुल 10,45,800/-(10 लाख पैंतालिस हजार, आठ सौ रुपए) का भुगतान किया जाना है. बिल सीजन रेस्टोरेंट लालपुर का है.
अब सवाल यह है कि अगर सत्र के दौरान विधायक समेत सभी को शामिल कर लें तो भी सदन में 100 से ज्यादा लोग नहीं थे. इसके अलावा दूसरे दिन यानी 3 मार्च को पहले दिन की तुलना में कम विधायक और कार्यकर्ता सदन में मौजूद थे. सवाल उठना लाजमी है कि आखिर इतना खाना किसे खिलाया गया?
आमतौर पर देखा जाता है कि विधानसभा में पास किए गए बिल की राशि एक मध्यम वर्गीय परिवार में शादी करवाने के लिए पर्याप्त होती है. उसमें भी खाने पर इतना पैसा खर्च नहीं होता. लेकिन दो दिन में दस लाख का खाना परोसना अपने आप में संदिग्ध है.
जिस राज्य में गरीब आदिवासी दलितों को एक वक्त के खाने के लिए इधर-उधर भागना पड़ता है, वहां इतना खाना खिलाना कैसे उचित है?
रिपोर्ट-समीर
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