पटना (PATNA) : नए संसद भवन को लेकर आरजेडी के एक बयान से विवाद छिड़ गया. संसद भवन के उद्घाटन के साथ ही सियासत भी शुरू हो गई है. कांग्रेस समेत कई दलों ने उद्घाटन का बहिष्कार किया तो किसी ने इसकी तुलना ताबूत से कर दी. लालू की पार्टी आरजेडी ने संसद के उद्घाटन के बाद ट्विटर पर एक पोस्ट शेयर किया, जिसमें नए संसद भवन की तुलना ताबूत से की गई. अब इस बात को लेकर पक्ष-विपक्ष में बयानबाजी तेज हो गई है. इसी गरमा-गर्मी के बीच राजद ने अपनी सफाई दी है.
इतिहास मिटाने का काम- मृत्युंजय तिवारी
राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि राष्ट्रीय जनता दल के द्वारा जो ट्विटर पर फोटो दिखाया गया और पूछा गया है यह क्या है ? इसका मतलब है कि जिस तरह के केंद्र में मोदी जी की सरकार इतिहास को दफन करने में लगे हुई हैं. इतिहास को बदलने का काम हो रहा है. इतिहास मिटाने का काम हो रहा है. इसी को लेकर इस तरह की तस्वीरें संकेतिक रूप से दिखाई गई है और पूछा गया है क्या लोकतंत्र के मंदिर में सिर्फ भाजपाइयों का अधिकार है ? या लोकतंत्र के मंदिर का भगवाकरण हो गया ? क्या लोकतंत्र के मंदिर में विपक्ष की कोई अहमियत नहीं होगी ?
राष्ट्रपति महोदया का अपमान- मृत्युंजय तिवारी
इसी के साथ राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि राष्ट्रपति महोदया का अपमान हुआ है. देश में अगर संविधान को कोई रौंदेगा तो आज लोकतंत्र आज रो रहा होगा. 21-22 विपक्षी पार्टियों ने अपील किया था कि महामहिम राष्ट्रपति महोदया के हाथों इसका उद्घाटन किया जाए लेकिन विपक्ष की मांगों को और उनके बातों को अनसुना करके हिटलर शाही रवैया अपनाकर आज जो किया गया वह संविधान और लोकतंत्र के लिए उचित नहीं है. दुर्भाग्यपूर्ण है इसलिए भी विपक्ष की ओर से आईना दिखाया गया है.
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