रांची(RANCHI): झारखंड कांग्रेस में पहले जिला अध्यक्ष को लेकर बवाल हुआ फिर छह साल बाद पीएसी के गठन पर भी कार्यकर्ता विरोध कर रहा है. और अब कल यानी मंगलवार को रामगढ़ से कांग्रेस विधायक ममता देवी की गोला गोलीकांड पर दोषी करार होने के बाद सजा का ऐलान होगा. बता दें कि अगर ममता देवी को कल तीन साल या उससे ज्यादा की सजा सुनाई जाती है तो उनकी विधायकी चली जायेगी. ऐसे में झारखंड कांग्रेस को एक और बड़ा झटका लग सकता है. ऐसे में हम आपको आज रामगढ़ विधानसभा में कांग्रेस का इतिहास और ममता देवी की राजनीतिक करियर के बारे में बतायेंगे.
ममता देवी का राजनीतिक करियर
बता दें कि ममता देवी एक सामान्य परिवार से आती हैं. उनके परिवार का कोई भी सदस्य पहले राजनीति में नहीं रहा है. हालांकि, आपको ये भी जानना बेहद जरूरी है कि ममता देवी पहले आंगनबाड़ी सेविका थी, फिर पार्षद बनी और और साल 2019 झारखंड विधानसभा चुनाव में पहली बार कांग्रेस की टिकट से रामगढ़ विधानसभा सीट से विधायक चुनी गईं.
रामगढ़ में 34 साल बाद मिली थी ‘हाथ’ को लोगों का साथ
बता दें कि रामगढ़ विधानसभा सीट पर ममता देवी को कांग्रेस ने साल 2019 विधानसभा चुनाव में टिकट दिया. इस सीट पर पिछले 34 साल से कांग्रेस जीत नहीं पाई थी. ऐसे में ममता देवी के लिए चुनाव जीतना रिकार्ड बनाने जैसे था और उन्होंने कांग्रेस का 34 साल का सूखा खत्म किया. ममता देवी ने लगभग 29 हजार वोटों से जीत दर्ज की.
IPL गोलीकांड के बाद चर्चा में आईं थी ममता देवी
बता दें कि इनलैंड पावर गोलीकांड मामला 29 अगस्त, 2016 का है. आइपीएल कंपनी में गोलीकांड के बाद दो लोगों की मौत हुई थी, कई लोगों को जेल भेजा गया था, तत्कालीन जिला परिषद सदस्य के रूप में ममता देवी इस आंदोलन का नेतृत्व कर रही थी. सैकड़ों की संख्या में स्थानीय लोग आइपीएल कंपनी के मुख्य गेट के पास धरना प्रदर्शन कर रहे थे. आंदोलनकारी धीरे-धीरे काफी उग्र हो गया, पत्थराव भी हुआ था. मजबूरी में पुलिस को गोली चलाना पड़ा, 47 राउंड गोली चलने के बाद विधि व्यवस्था सामान्य हुई थी. इस दौरान दो आंदोनकारियों की मौत भी हुई. वहीं, प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे राजीव जायसवाल और ममता देवी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था. कई राजनीतिक दल इस मुद्दे पर राज्यव्यापी आंदोलन किया था. यहां आपको बता दें जिस वक्त की ये घटना है, उस समय विधायक ममता देवी जिला परिषद सदस्य हुआ करती थीं. उनपर भीड़ को उकसाने का आरोप लगा. जिसके बाद रजरप्पा थाना में मामला दर्ज हुआ. बाद में यह मामला कोर्ट पहुंचा. पुलिस कार्रवाई के बाद विधिवत रूप से कोर्ट में इस मामले की सुनवाई शुरू हुई. अभी तक 47 लोगों की गवाही और साक्ष्य पेश करने को लेकर कोर्ट में कार्य हुआ. इस मामले में विधायक समेत 13 लोगों पर न्यायालय दोषी मानते हुए सजा सुनायेगी. बता दें कि साल 2019 में ममता देवी को कांग्रेस ने टिकट दिया, इससे पहले भी हजारीबाग के एमपी/एमएलए कोर्ट ने एक मामले में ममता देवी को 3 महीने की सजा सुनाई थी. हालांकि, उन्हें तुरंत जमानत भी मिल गई थी.
8 दिसंबर को कोर्ट ने दिया था दोषी करार
बता दें कि पिछले 8 दिसंबर को ही अपर जिला और सत्र न्यायाधीश सह विशेष न्यायाधीश एमपी एमएलए में कुमार पवन ने कांग्रेस विधायक ममता देवी समेत 13 लोगों दोषी करार दिया था. दोषी करार दिए जाने के बाद सभी को जेल भेज दिया गया था. जिसमें विधायक ममता देवी, भाजपा नेता कुंवर महतो, राजीव जायसवाल, जागेश्वर भगत, दिलदार अंसारी, मनोज पुजहर, वासुदेव प्रसाद, कोलेश्वर महतो, लाल बहादुर महतो, यदु महतो, अभिषेक कुमार सोनी, आदिल इनामी और सुभाष महतो शामिल थे.
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