टीएनपी डेस्क(TNP DESK) :अंग्रेजों से आजादी पाने के लिए हुए आंदोलन में एक बड़ा नाम डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद का रहा है. डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद एक ऐसे शख्स थे जिनका सम्मान सभी लोग करते थे. महात्मा गांधी भी उन्हें बहुत सम्मान के साथ देखते थे बड़े ही कुशाग्र बुद्धि के डॉ राजेंद्र प्रसाद का स्वतंत्रता आंदोलन में बड़ा योगदान रहा है. इसलिए भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने गणतंत्र भारत के पहले राष्ट्रपति के रूप में उन्हें सम्मान वाला पद दिया. सभी लोग उन्हें सम्मान से राजेंद्र बाबू कहते थे.
3 दिसम्बर राजेन्द्र बाबू की जयंती
3 दिसंबर को डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद की जयंती मनाई जाती है. 1884 में बिहार के तत्कालीन सारन जिले अब सिवान के जीरादेई नामक गांव में उनका जन्म हुआ था. कायस्थ परिवार में जन्मे डॉ राजेंद्र प्रसाद बचपन से ही बड़े प्रतिभावान थे उन पर सरस्वती का आशीर्वाद था. उनके दादा हथुआ स्टेट के दीवान थे. उनके पिता महादेव सहाय भी जमींदार थे.
भारत के प्रथम राष्ट्रपति से पहले कृषि मंत्री थे राजेन्द्र प्रसाद
डॉ राजेंद्र प्रसाद किसानों के हमदर्द रहे आजादी मिलने के बाद कृषि और खाद्य मंत्रालय मिला. उन्होंने अपने मंत्रालय में किसानों के लिए कई योजनाएं चलाने का निर्णय लिया. डॉ राजेंद्र प्रसाद संविधान सभा के अध्यक्ष भी थे. भारत के संविधान निर्माण में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण रही है. जब से भारत गणतंत्र घोषित हुआ यानी 26 जनवरी, 1950 से 14 मई, 1962 तक वे भारत के राष्ट्रपति रहे. उनके समय भारत के प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू और उपराष्ट्रपति डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन थे.28 फरवरी,1963 में उनका निधन हुआ.
राष्ट्रपति मुर्मू और मोदी ने दी श्रद्धांजलि
जयंती के मौके पर भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें याद करते हुए श्रद्धांजलि दी है. झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी जयंती के मौके पर देश के पहले राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद को नमन करते हुए श्रद्धांजलि दी है.
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