ध्यान दें! UIDAI बदलने जा रहा वेरिफिकेशन सिस्टम, अब होटल, एयरपोर्ट पर नहीं देनी होगी Aadhaar की फोटोकॉपी, जानिए पूरी डिटेल


टीएनपी डेस्क (TNP DESK): आधार कार्ड की सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए UIDAI बड़े बदलाव की तैयारी में है. अब होटल, सर्विस सेंटर, एजेंसी या अन्य जगहों पर आधार कार्ड की फोटोकॉपी देने की जरूरत नहीं होगी. UIDAI पेपर आधारित आधार वेरिफिकेशन को पूरी तरह खत्म करने की योजना बना रहा है, जिससे दस्तावेजों के दुरुपयोग पर रोक लगाई जा सके.
आज आधार कार्ड पहचान का सबसे जरूरी दस्तावेज बन चुका है. कई जगह चेक-इन, रजिस्ट्रेशन और विभिन्न सेवाओं के दौरान इसकी फोटोकॉपी जमा करनी पड़ती है, जो सुरक्षा जोखिम का कारण बन सकती है. इसी को देखते हुए UIDAI एक नए डिजिटल वेरिफिकेशन मॉडल पर काम कर रहा है.
ऑफलाइन कॉपी लेने का सिस्टम खत्म होगा
अब तक कई संस्थाएं आधार की फोटो कॉपी लेकर उसे स्टोर करती हैं. UIDAI इस व्यवस्था को बदलने जा रहा है. नए नियम लागू होने के बाद कोई भी संस्था आधार वेरिफिकेशन के लिए फोटोकॉपी मांग नहीं पाएगी. पूरी प्रक्रिया डिजिटल माध्यम से होगी, ताकि आधार डेटा सुरक्षित रहे.
UIDAI के अनुसार, वेरिफिकेशन के लिए संबंधित संस्था को UIDAI में रजिस्टर्ड होना होगा. इसके बाद QR कोड स्कैन, मोबाइल ऐप या अन्य डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म से पहचान की पुष्टि की जाएगी. UIDAI के CEO भुवनेश कुमार ने बताया कि नियमों को मंजूरी मिल चुकी है और इन्हें जल्द लागू किया जाएगा. साथ ही ऐप-टू-ऐप आधार वेरिफिकेशन के लिए नया मोबाइल ऐप भी लाया जा रहा है.
भविष्य का आधार कार्ड कैसा होगा?
UIDAI के नए प्रस्ताव के अनुसार:
आधार कार्ड पर फोटो और सुरक्षित QR कोड मुख्य रूप से मौजूद रहेगा.
नाम भी प्रिंट हो सकता है, लेकिन आधार नंबर कार्ड पर दिखाई नहीं देगा.
QR कोड के जरिए ऑनलाइन वेरिफिकेशन ही मान्य होगा.
ऑफलाइन वेरिफिकेशन यानी फोटोकॉपी आधारित पहचान को धीरे-धीरे खत्म किया जाएगा.
फिलहाल आधार कार्ड पर नाम, फोटो, आधार संख्या और QR कोड शामिल हैं. ऑफलाइन वेरिफिकेशन में फोटोकॉपी के दुरुपयोग और डेटा चोरी की आशंका रहती है.
क्यों आवश्यक है बदलाव?
आधार की फोटोकॉपी कई जगह जमा होती हैं, जिससे पहचान के दुरुपयोग का खतरा बढ़ता है.
QR कोड आधारित सिस्टम डेटा सुरक्षा को मजबूत बनाता है.
कार्ड पर कम जानकारी होने से फर्जी दस्तावेज तैयार करना मुश्किल होगा.
डिजिटल वेरिफिकेशन से कागज़ी दस्तावेज की जरूरत भी कम होगी.
UIDAI का मानना है कि नया सिस्टम आधार की सुरक्षा को एक नए स्तर पर ले जाएगा और नागरिकों की पहचान से संबंधित जोखिम काफी कम हो जाएंगे.
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