Ranchi- झारखंड शराब घोटाले में योगेन्द्र तिवारी की गिरफ्तारी के बाद सियासी गलियारों में चर्चाओं का बाजार गरम है. दावे प्रतिदावों की बौछार हो रही है, जहां भाजपा खेमा यह मान कर चल रहा है कि दिल्ली शराब घोटाले की तरह ही जल्द ही सीएम हेमंत तक ईडी की हाथ पहुंचने वाली है. वहीं झामुमो सहित पूरा महागठबंधन योगेन्द्र तिवारी की गिरफ्तारी को महज एक आई वॉश बताने में जुट गयी है. इस खेमे का मानना है कि जिस योगेन्द्र तिवारी को गिरफ्तार कर ईडी अपनी वाहवाही लूटने का प्रयास कर रही है, वह तो इस घोटाले का महज एक अदना सा खिलाड़ी है, असली खिलाड़ी तो वह सफेद पोश राजनेता है, जिनकी जड़े भाजपा से जुड़ी है. यदि योगेन्द्र तिवारी से जुड़े सारे बैंक खातों की जांच की जाय को झारखंड भाजपा का कोई भी चेहरा बेदाग नहीं निकलेगा.
प्यादे पर कार्रवाई से हटकर असली गुनाहगारों की गिरफ्तारी करे ईडी
झामुमो महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने दावा किया है कि ईडी यदि अपनी कार्रवाई में ईमानदार है तो उसे सबसे पहले बाबूलाल और उनके सलाहकार सुनील तिवारी के खातों की जांच करनी चाहिए और यह देखना चाहिए कि एक अदना सा योगेन्द्र तिवारी ने कैसे इस विशाल साम्राज्य को खड़ा किया, और वह कौन कौन से सफेदपोश थें, जिनका पैसा इनकी कंपनी में लगा. ईडी की पूरी जांच को एकपक्षीय और पक्षपात पूर्ण मानते हुए सुप्रियो ने राज्य सरकार से इस मामले की एसआईटी जांच का आग्रह करते हुए दावा कि इसके बाद ही दूध का दूध और पानी का पानी होगा, सारी कलई बाहर आ जायेगी.
जल्द सामने आयेगी पूरी कहानी
भाजपा को लपेटे में लेते हुए सुप्रियो ने इस बात का भी दावा किया कि वह 15 दिनों के अन्दर अन्दर एक बड़ा खुलासा करेंगे जिसके बाद इस घोटाले की पूरी कहानी सबके सामने आ जायेगी. यहां हम बता दें कि अब तक कथित झारखंड शराब घोटाले में कोई भी तार सीएम हेमंत के साथ जुड़ता नजर नहीं आ रहा है, यदि दिल्ली शराब घोटले में कोर्ट की टिप्पणियों पर गौर करें तो किसी भी भ्रष्टाचार को साबित करने के लिए पैसे के लेन देना का साक्ष्य पेश करना बेहद अहम है, सिर्फ किसी गवाह के बयान के आधार पर किसी को भी दोषी करार नहीं दिया जा सकता, कोर्ट ने कहा कि जब भी किसी नीति का निर्माण होता है तो वह किसी ना किसी के पक्ष में होता है, इसका मतलब कदापी यह नहीं है कि वहां भ्रष्टाचार हुआ है. उसके लिए जांच एजेंसियों को पैसे के लेन देन का साक्ष्य उपस्थित करना होगा. जो अभी कहीं से भी दिखलायी नहीं पड़ता. हालांकि आगे की जांच में क्या होगा, अभी से इसका आकलन मुश्किल है.
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