रांची(RANCHI): उड़ीसा के राज्यपाल पद से इस्तीफ़ा देने के बाद रघुवर दास राजनीति में लौटने की पूरी तैयारी में है. दरअसल जनवरी के पहले सप्ताह में दूसरी बार रघुवर दास भाजपा की सदस्यता ग्रहण करने वाले हैं. जिसके बाद संगठन की ओर से उन्हें पार्टी की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी. इस बीच अगर रघुवर दास की झारखंड की राजनीति में री-एंट्री की बात की जाए तो इनके वापस आते ही राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज हैं, क्या भाजपा झारखंड में नई राजनीति प्लान बनाने जा रही है या फिर रघुवर दास के चेहरे से कोई बड़ा गेम खेलने वाली है. फिलहाल रघुवर दास को सगठन कौन सी जिम्मेदारी देगी?...झारखंड में दुबारा कौन सी राह पर चलेंगे?.. इन्ही सब सवालों के साथ द न्यूज पोस्ट के संवादाता समीर हुसैन ने रघुवर दास से EXCLUSIVE बातें की है.
1. सवाल - 14 महीने के वनवास के बाद कौन सी राह पर चलेंगे रघुवर दास ?
जवाब - इस सवाल का जवाब देते हुए रघुवर दास ने कहा कि मैं वनवास में नहीं था बल्की मेरी दूसरी ज़िम्मेदारी थी. उन्होंने कहा कि मुझे उड़ीसा की जनता का सेवा करने का मौका मिला था, जनता की 14 महीने सेवा के बाद जन्म और कर्म भूमि की ओर लौट आया हूँ.
2. सवाल - संगठन में सक्रिय दिखेंगे रघुवर दास ?
जवाब - उन्होंने कहा कि 1980 से ही संगठन के लिए काम कर रहा हूँ. जब सदस्यता ग्रहण करूँगा तो निश्चित रूप से पार्टी के लिए मजबूती से काम कर पार्टी को मजबूत करूँगा.
3. सवाल - कार्यकर्ता से मुख्यमंत्री और राज्यपाल का कैसा रहा सफर ?
जवाब - इस सवाल पर उन्होंने कहा कि यह बस भारतीय जनता पार्टी में ही संभव हो सकता है एक समान कार्यकर्ता पार्टी के विचारधारा के साथ अगर आप काम करते हैं तो आप शिखर तक जा सकते हैं. इसका उदाहरण बस मैं ही नहीं हूँ बल्कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी है. एक गरीब परिवार से आते हुए भी उन्होंने पूरी निष्ठा के साथ जनता के लिए काम किया और तीन बार प्रधानमंत्री के पद पर नेतृत्व कर रहे हैं, तो यह बस भाजपा में ही संभव है
4. सवाल- राज्यपाल पद से इस्तीफ़ा देना किसका निर्णय था?
जवाब- रघुवर दास ने कहा कि राज्यपाल के पद से इस्तीफ़ा देना मेरा व्यक्तिगत निर्णय था, मेरे इस निर्णय को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी स्वीकार किया. जिसके बाद प्रधानमंत्री और गृह मंत्री ने भी सहमति दिया
5. सवाल - रघुवर दास झारखंड की राजनीति में सक्रिय होंगे या फिर केंद्र की ओर
जवाब - उन्होंने कहा कि फिलहाल अभी तो झारखंड में रहने वाला हूँ. लेकिन जहाँ भी रहूंगा राजनीति तो करूंगा ही
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