टीएनपी डेस्क (TNP DESK) : अयोध्या में राम मंदिर समारोह की तैयारी पूरे जोरो पर चल रही है. 22 जनवरी को भव्य राम मंदिर का उद्घाटन होगा और उसी दिन रामलला गर्भगृह में विराजमान होंगे. क्या आम और क्या खास सभी बेसब्री से 22 जनवरी का इंतजार कर रहे हैं. साथ ही जगह-जगह विभिन्न कार्यक्रम आयोजित कर इस दिन को खास बनाने की तैयारी की जा रही है. इसी के मद्देनजर झारखंड में भी विभिन्न जगहों पर कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है. लेकिन इस दिन झारखंड में दो जगह ऐसे है. जहां इस दिन दो वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने की तैयारी की जा रही है. बता दें कि अयोध्या में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा वाले दिन जमशेदपुर में एक कलाकार अब तक की सबसे बड़ी रंगोली बना रहा है. तो वहीं दूसरी ओर हजारीबाग में कलाकारों की एक टोली 15 लाख प्लास्टिक बोतल के ढक्कनों से राम दरबार की विशाल झांकी बनाने में जुटी है. दावा किया जा रहा है कि दोनों विशालकाय कलाकृतियों को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया जाएगा.
जमशेदपुर में 18 हजार वर्ग फुट में बन रहा श्रीराम की छवि वाली रंगोली
पहला रिकॉर्ड जमशेदपुर के केबुल टाउन स्थित स्वामी लक्ष्मीनारायण मंदिर के परिसर में बनाया जा रहा है. जहां विवेक मिश्रा 18 हजार वर्ग फुट क्षेत्र में श्रीराम की छवि वाली रंगोली बना रहे हैं. मिडिया से बात करते हुए विवेक मिश्रा ने बताया कि उनके मुताबिक इतनी बड़ी पोट्रेट रंगोली दुनिया में आज तक किसी ने नहीं बनाई है. उन्होंने बताया कि वे 5 जनवरी से इस काम में जुटे हैं और 20 जनवरी तक इसे पूरा कर लिया जाएगा. जिसके बाद इस रंगोली को ड्रोन कैमरे की सहायता से एलईडी स्क्रीन पर प्रदर्शित किया जाएगा. बताया कि इतनी बड़ी रंगोली बनाने में उन्हें करीब तेईस सौ किलोग्राम रंगों का इस्तेमाल किया गया है. कुल दस तरह के रंगों का प्रयोग किया जा रहा है. रंगोली निर्माण की पूरी प्रक्रिया चार सीसीटीवी कैमरों के जरिए कैद की जा रही है. इसके फुटेज को गिनीज बुक ऑफ़ रिकार्ड्स की टीम को भेजा जाएगा.
हजारीबाग में बनाई जा रही है राम दरबार की झांकी
वहीं दूसरी और हजारीबाग के सेंट कोलंबस मैदान में गिरिडीह निवासी सुमित गुंजन की अगुवाई में 30 कलाकारों की टीम 15 लाख प्लास्टिक बोतल के ढक्कनों की मदद से राम दरबार की झांकी बना रही है. ढक्कन हजारीबाग, गिरिडीह, देवघर और धनबाद से इकट्ठा किए गए हैं. सुमित ने बताया कि आम तौर पर फेंक दी जाने वाली चीजों से कलाकृतियों के निर्माण की विधा को मोजाइक आर्ट कहा जाता है. सुमित वसुधा कल्याण नामक एक संस्था से जुड़े हैं, जो पर्यावरण स्वच्छता के लिए काम करती है. इसी संस्था के सदस्यों ने पांच महीने में 15 लाख प्लास्टिक के ढक्कन जमा किए हैं. उनकी सफाई के बाद प्राइमर चढ़ाया गया है और उन्हें अलग-अलग रंगों में रंगा गया है. इनका उपयोग कर लगभग 15 हजार स्क्वायर फीट क्षेत्र में मनोहारी राम दरबार की कलाकृति सजाने का काम शुरू किया गया है. वहीं इसे बनाने में लगभग पांच लाख रुपए खर्च किए जा रहे हैं. निर्माण कार्य में जुटे कलाकारों में अमित, अंजनी, नीरज, सूरज कुमार, मधुसूदन, मुस्कान, भारत, अजय, कुंदन, श्रीकांत, खुशी, ऋषि आदि शामिल हैं.
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