एनटीपीसी DGM हत्याकांड : कौन थे कुमार Gaurav ? हत्या के पीछे किसका हाथ, क्या हो सकती है वजह!

रांची (RANCHI) : झारखंड के हजारीबाग जिले में एनटीपीसी के केरेडारी कोल माइंस के डिप्टी जनरल मैनेजर, कुमार गौरव, की अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी. पोस्टमार्टम के बाद परिजन दहाड़ मारते हुए शव लेकर बिहार के लिए रवाना हो गए, लेकिन साथ में कई सवाल छोड़ गए. आखिर गौरव की हत्या किसने की या करवाई? क्या कोल सिंडिकेट या कोयला माफियाओं के षड्यंत्र का शिकार हुए डीजीएम कुमार गौरव?
हत्या के संभावित कारण
प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि गौरव की हत्या कोयला माफियाओं और अवैध वसूली रोकने की उनकी सख्त नीतियों के कारण हुई हो सकती है. उनकी जिम्मेदारी कोयले की डिस्पैच और गुणवत्ता नियंत्रण से जुड़ी थी, जिससे अवैध कारोबारियों को बड़ा नुकसान हो रहा था. गौरव का ईमानदार रवैया अपराधियों और सफेदपोश माफियाओं के लिए बाधक बन गया था. इस बात की भी संभावना है कि हत्या के पीछे ट्रांसपोर्टरों और आउटसोर्सिंग कंपनियों की मिलीभगत हो, जो कम ग्रेड के कोयले की आपूर्ति कर भारी मुनाफा कमा रहे थे.
कोयला कारोबार में कई बड़े नेता, पुलिस अधिकारी और गैंगस्टर शामिल होते हैं. यह जांच का विषय है कि क्या गौरव इसी गठजोड़ का शिकार हुए. अगर इस मामले की निष्पक्ष जांच नहीं हुई, तो यह भी शरद कुमार हत्याकांड की तरह एक अनसुलझी गुत्थी बनकर रह जाएगा.
पुलिस कार्रवाई
पुलिस ने मामला दर्ज कर कुछ संदिग्धों को हिरासत में लिया है, लेकिन 24 घंटे बीतने के बावजूद न हत्या की वजह स्पष्ट हो पाई है और न ही कोई आरोपी पकड़ा गया है. इससे पहले राजधानी रांची में भी एक कोयला कारोबारी को दिनदहाड़े गोली मार दी गई थी, जिसकी जिम्मेदारी एक गैंग ने ली थी. हजारीबाग में भी अमन साहू, अमन श्रीवास्तव और पांडेय गैंग सक्रिय हैं, जिनकी भूमिका जांच के दायरे में है.
परिजनों की प्रतिक्रिया
पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया. पत्नी और मां का रो-रोकर बुरा हाल था, जबकि गौरव की 10 साल की बेटी सदमे में थी. गौरव के पिता की पहले ही मृत्यु हो चुकी थी, और चाचा व सांसद ने उनकी परवरिश की थी. बचपन से ही गौरव होनहार और निर्भीक इंजीनियर थे, लेकिन शायद उनकी यही अच्छाई किसी को खटक गई.
एनटीपीसी हजारीबाग में पूर्व आपराधिक घटनाएं
यह पहली घटना नहीं है. मई 2023 में ऋत्विक कंपनी के प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर शरद कुमार की हत्या हुई थी, जिसका अब तक कोई समाधान नहीं हुआ. इससे पहले भी कई अधिकारियों को निशाना बनाया गया.
एनटीपीसी की चुनौतियां
एनटीपीसी को भूमि अधिग्रहण, पर्यावरणीय चिंताओं और स्थानीय विरोध का सामना करना पड़ता है. इसके अलावा, कोयला माफिया और स्थानीय गिरोह भी अधिकारियों के लिए खतरा बने हुए हैं.
राजनीतिक प्रतिक्रिया
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे और बाबूलाल मरांडी ने सरकार की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं. उनका कहना है कि अपराधियों में पुलिस का कोई डर नहीं रह गया है.
निष्कर्ष
कुमार गौरव की हत्या भ्रष्टाचार, अपराध और अवैध कारोबार से जुड़ी प्रतीत होती है. पुलिस जांच जारी है, और जल्द ही सच्चाई सामने आने की उम्मीद है.
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