पटना(PATNA): राज्यपाल-सह-कुलाधिपति राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने राजभवन में बिहार के विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की. इस बैठक का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर जोर देना था. राज्यपाल ने निर्देश दिया कि कुलपति अपने-अपने विश्वविद्यालय में अकादमिक के लिए रोडमैप तैयार करें और उसी के अनुरूप कार्य करें. उन्होंने विश्वविद्यालयों को सही मायने में Centre of Excellence बनाने के प्रयासों पर बल दिया. इसके साथ ही, उन्होंने विश्वविद्यालयों में अकादमिक और शोध के लिए डीन की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला.
राज्यपाल ने अपने संबोधन में कहा कि विश्वविद्यालयों की समाज के उन्नयन में महत्वपूर्ण भूमिका है. उन्होंने उल्लेख किया कि अनेक राज्यों के विश्वविद्यालय अधिनियमों द्वारा विश्वविद्यालयों को स्वायत्तता प्रदान की गई है. सर्वोच्च न्यायालय के विभिन्न न्यायादेशों में भी विश्वविद्यालयों की स्वायत्तता को मान्यता दी गई है और शिक्षा विभाग का दायित्व उन्हें समुचित निधि उपलब्ध कराना बताया गया है.
बिहार के शैक्षणिक वातावरण को बेहतर बनाने के प्रयासों के तहत राज्यपाल ने घोषणा की कि जुलाई महीने में राजभवन में अकादमिक्स के लिए सभी कुलपतियों का दो दिवसीय नेतृत्व विकास कार्यक्रम (Leadership Development Programme) आयोजित किया जाएगा. इस कार्यक्रम का उद्देश्य कुलपतियों को नेतृत्व कौशल में सुधार और अकादमिक उन्नति के लिए प्रेरित करना है.
बैठक को संबोधित करते हुए शिक्षा विभाग के माननीय मंत्री श्री सुनील कुमार ने कुलपतियों से आग्रह किया कि वे विद्यार्थियों को केन्द्र में रखकर कार्य योजना बनाएं और उसे अमल में लाएं. उन्होंने कहा कि समर्पण, अनुशासन और सही डिलिवरी सिस्टम के साथ काम करने पर लक्ष्यों को प्राप्त किया जा सकता है. श्री सुनील कुमार ने टीम स्पिरिट के साथ मिलकर काम करने की आवश्यकता पर बल दिया और कहा कि ऐसा करने से विश्वविद्यालयों की स्थिति में अवश्य सुधार होगा.
बैठक में कुलपतियों ने विश्वविद्यालयों की आधारभूत संरचना को मजबूत करने, आंतरिक अंकेक्षण की व्यवस्था, कर्मियों की नियुक्ति, वेतन और पेंशन का भुगतान, अतिथि शिक्षकों के मानदेय का भुगतान, और आई.टी. सेल के गठन जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की. उन्होंने विश्वविद्यालयों को Centre of Excellence बनाने के लिए अपने सुझाव भी दिए. शिक्षा विभाग के मंत्री और अपर मुख्य सचिव ने विश्वविद्यालयों की समस्याओं के समाधान के लिए सभी आवश्यक उपाय करने का आश्वासन दिया.
राज्यपाल की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में माननीय शिक्षा मंत्री, शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ, राज्यपाल के प्रधान सचिव श्री रॉबर्ट एल. चोंग्थू, बिहार के विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति, शिक्षा विभाग के सचिव और उच्च शिक्षा निदेशक, राज्यपाल सचिवालय के पदाधिकारीगण और अन्य प्रमुख लोग उपस्थित थे.
इस बैठक का उद्देश्य शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाना और बिहार के विश्वविद्यालयों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित शिक्षा संस्थान बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाना था. उम्मीद है कि इस बैठक के निष्कर्षों और दिशा-निर्देशों के अनुसार कार्य करने से बिहार के शैक्षणिक परिदृश्य में सकारात्मक परिवर्तन आएगा.
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