रांची(RANCHI): झारखंड हाईकोर्ट के द्वारा कोलकाता कैश कांड के आरोपी कांग्रेसी विधायकों के विरुद्ध दर्ज जीरो प्राथमिकी को निरस्त करने के फैसले के बाद यह सवाल बार-बार उठता रहा है कि अब इन विधायकों का क्या होगा? क्योंकि हाईकोर्ट ने तो अपनी तरफ से उनके विरुद्ध दर्ज प्राथमिकी को निरस्त तो जरुर कर दिया है, लेकिन पार्टी में उनकी भूमिका और निलबंन वापसी का फैसला तो कांग्रेस को ही लेना है.
अपना पता खोलने को तैयार नहीं है प्रदेश नेतृत्व
हालांकि बरही विधायक अकेला यादव ने जरुर हाईकोर्ट के फैसले पर अपनी खुशी का इजहार करते हुए कहा था कि इस फैसले से इन विधायकों की बेगुनाही पर मुहर लग गयी है. लेकिन प्रदेश नेतृत्व अब तक इस बारे में कुछ भी बोलने से परहेज करती रही है. अब इस मामले में पहली बार अपनी चुप्पी तोड़ते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने यह साफ किया है कि इस मामले में जो भी फैसला होगा, वह प्रदेश स्तर से नहीं होकर कांग्रेस आलाकमान के हाथों होगा.. उन्होंने मीडियाकर्मियों के सवालों के जवाब देते हुए कहा है कि इस मामले में जल्द ही आलमगीर आलम आलाकमान से बात करने वाले हैं, उसके बाद ही इन विधायकों की किस्मत पर फैसला होगा.
भारी मात्रा में कैश के साथ कोलकाता पुलिस ने तीनों विधायको को किया था गिरफ्तार
यहां हम बता दें कि कांग्रेस के तीन विधायकों डा. इरफान अंसारी, नमन विक्सल कोंगाड़ी और राजेश कच्छप को भारी मात्रा में कैश के साथ कोलकाता पुलिस ने गिरफ्तार किया था, जिसके बाद इन तीनों विधायकों पर हेमंत सरकार को अस्थिर करने का आरोप लगा था, पार्टी ने इन तीनों विधायकों के विरुद्ध रांची के अलगोड़ा थाने में जीरो प्राथमिकी दर्ज करवायी थी, हाल ही में झारखंड हाईकोर्ट के द्वारा इनके विरुद्ध दर्ज प्राथमिकी को निरस्त कर दिया गया है, जिसके कारण इनकी निलंबन वापसी के बारे में सवाल पूछे जा रहे हैं.
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