रांची (RANCHI): आज नौसेना दिवस है. ऐसे में भारत के नौसैनिकों और नेवी को एक सलाम तो बनता है. बता दें नौसेना भारतीय रक्षा के क्षेत्र का एक महवपूर्ण अंग है. इसके सेनापति राष्ट्रपति होते हैं. आज नौसेना दिवस मनाया जा रहा है नौसेना अध्यक्ष एडमिरल आर. हरि कुमार ने कहा कि भारतीय नौसेना का उद्देश्य भारत में भारत द्वारा निर्मित और भारत की सुरक्षा के समाधान तैयार करना है ताकि आत्मनिर्भर भारत अभियान को मजबूत किया जा सके. नौसेना दिवस की पूर्व संध्या पर एडमिरल हरि कुमार ने कहा कि भारतीय नौसेना आत्मनिर्भरता तथा स्वदेशी प्रौद्योगिकी के विकास पर जोर दे रही है और नौसेना के पास पूंजीगत परियोजनाओं के लिए पर्याप्त धनराशि उपलब्ध है. उन्होंने बताया कि पिछले एक वर्ष में भारतीय नौसेना ने अपने संचालन को नई ऊंचाईयां दी है. आईए जानते है नौसेना के बारे मे सबकुछ. आज "द न्यूज पोस्ट" भी अपने देश की नेवी को सैल्यूट करता है.
कब हुई नेवी की स्थापना
बहुत कम लोग जानते होंगे कि भारतीय नौसेना सन् 1612 ई. में ईस्ट इंडिया कंपनी की युद्धकारिणी सेना के रूप में "इंडियन मेरीन" संगठित की गई. 1685 ई. में इसका नामकरण "बंबई मेरीन" हुआ, जो 1830 ई. तक चला. 8 सितंबर 1934 ई. को भारतीय विधानपरिषद् ने भारतीय नौसेना अनुशासन अधिनियम पारित किया और रॉयल इंडियन नेवी का प्रादुर्भाव हुआ. भारतीय नौसेना (अंग्रेज़ी: Indian Navy) भारतीय सेना का सामुद्रिक अंग है जो कि 400 वर्षों के अपने गौरवशाली इतिहास के साथ न केवल भारतीय सामुद्रिक सीमाओं अपितु भारतीय सभ्यता एवं संस्कृति की भी रक्षक है और भारत के राष्ट्रपति इस सेना के सेनापति. आईए जानते है क्यों मनाते हैं नौसेना दिवस.
क्यों मनाते हैं नौसेना दिवस
यह दिन 1971 में पाकिस्तान के साथ युद्ध में भारतीय नौसेना की भूमिका को सम्मानित करने के लिए मनाया जाता हैं. इस युद्ध में भारतीय युद्धपोतों ने कराची बंदरगाह पर हमला कर पश्चिमी तट पर पाकिस्तानी कार्रवाई को विफल कर दिया था. इस ऑपरेशन ट्राइडेंट में भारतीय नौसेना ने पी.एन.एस. खैबर सहित चार पाकिस्तानी पोत डूबो दिये थे और सैकड़ों पाकिस्तानी नौ-सैनिकों को मार गिराया था. आज का दिन नौसेना की उपलब्धियों और देश की समुद्री सीमा को सुरक्षित रखने में उसकी भूमिका को उजागर करने के लिए भी मनाया जाता है.
2047 तक आत्मनिर्भर बनेगी नौसेना
नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने शनिवार को कहा कि भारतीय नौसेना इस बात पर विचार कर रही है कि क्या स्वदेशी विमानवाहक पोत (आईएसी) II को अपनाया जाए या फिर आईएसी । के लिए दोबारा ऑर्डर दिया जाए. नौसेना का 2047 तक आत्मनिर्भर बनने का लक्ष्य है. एडमिरल कुमार ने कहा कि अमेरिका से प्रीडेटर ड्रोन के एक बेड़े की प्रस्तावित खरीद की प्रक्रिया चल रही है और यह कि नौसेना असंख्य सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए एक प्रमुख क्षमता वृद्धि के रास्ते पर है.
INS-विक्रांत ऐतिहासिक घटना
नौसेना अध्यक्ष एडमिरल आर हरि कुमार ने आईएनएस विक्रांत के शामिल होने को को देश और नौसेना के इतिहास में एक ऐतिहासिक घटना करार दिया है. उन्होंने कहा, INS-विक्रांत आत्मनिर्भरता की मशाल वाहक है. बहुत कम देश ऐसे हैं, जिनके पास विमानवाहक पोत बनाने की क्षमता है और हम उन चुनिंदा देशों में शामिल हैं. यह बातें नौसेना अध्यक्ष ने नौसेना दिवस की पूर्व संध्या पर कही. नौसेना अध्यक्ष ने कहा कि आईएनएस-विक्रांत हमारी स्वदेशी क्षमता का प्रतीक है यह हमारे आत्मविश्वास को दर्शाता है. उन्होंने कहा कि इसने दुनिया में देश को कद को ऊंचा किया है. उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि विक्रांत आने वाले वर्षों में हिंद-प्रशांत क्षेत्र में गर्व से तिरंगा फहराएगा. एडमिरल आर हरि कुमार ने कहा, देश के पहले स्वदेशी विमान वाहक पोत आईएनएस विक्रांत को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कोच्चि में कमीशन किया गया था. यह नौसेना के नेतृत्व, योजनाकारों, शिपयार्ड श्रमिकों, उद्योग और अन्य सहायक एजेंसियों के अथक प्रयास का दर्शाता है.
जल रक्षा के क्षेत्र मे भारत बनेगा आत्मनिर्भर और सशक्त
भारत, अमेरिका से प्रिडेटर ड्रोन खरीदने की तैयारी कर रहा है. तीन बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक की लागत से 30 MQ-9B प्रिडेटर ड्रोन खरीदने की प्रक्रिया लंबित है. बता दें, यह वही प्रिडेटर ड्रोन है, जिनके माध्यम से हेलफायर मिसाइल को लॉन्च किया गया था और अलकायदा के आतंकी अल-जवाहिरी का खात्मा किया गया था. हिंद महासागर में चीन की निगरानी के लिए यह खरीद प्रस्तावित है. लंबित प्रस्ताव के तहत भारतीय सेना की तीनों विंग को 10 ड्रोन मिलने की संभावना है. वायु सेना अध्यक्ष ने कहा, हिंद महासागर क्षेत्र में बहुत सारे चीनी जहाज रहते हैं. इसमें 4-6 पीएलए नौसेना के जहाज हैं, फिर कुछ अन्य पोत हैं. हिंद महासागर क्षेत्र में बड़ी संख्या में चीनी जहाज मछली पकड़ने के लिए संचालित होते हैं. भारत सभी घटनाक्रमों पर पैनी नजर रखता हैं. हिंद महासागर क्षेत्र में लगभग 60 अन्य अतिरिक्त-क्षेत्रीय बल हमेशा मौजूद रहते हैं. यह एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है जहां बड़ी मात्रा में व्यापार होता है.
अग्निपथ योजना से हो रही है नौसैनिकों की भर्ती
अग्निपथ योजना का उल्लेख करते हुए नौसेना प्रमुख ने कहा कि तीन हजार अग्निवीरों का पहला जत्था नौसेना में शामिल कर लिया गया है जिनमें 341 महिला नाविक शामिल हैं. इन अग्निवीरों को इस महीने से आई.एन.एस. चिल्का में प्रशिक्षण दिया जा रहा है. महिला अधिकारियों को सभी ब्रांचों में शामिल करने पर विचार कर रहे हैं. अभी तक केवल सात से आठ ब्रांचों तक ही महिलाएं सीमित हैं. नौसेना अध्यक्ष ने कहा, यह पहली बार है जब महिलाओं को उनके पुरुष समकक्षों की तरह ही शामिल किया जा रहा है. यह चयन का एक समान तरीका है. वे समान परीक्षणों से गुजर रही हैं. नौसेना अध्यक्ष ने आगे कहा, महिलाओं को जहाजों, एयरबेसों और विमानों पर तैनात किया जाएगा. उन्हें हर चीज के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा. महिलाओं के प्रशिक्षण में कोई अंतर नहीं आने वाला है.
भारतीय नौसेना की ताकत एक नजर में
4+