रांची(RANCHI): मंत्री बन्ना गुप्ता को लेकर सरयू राय अक्सर सवाल खड़े करते रहते हैं, उनका दावा है कि सदन के अन्दर मंत्री बन्ना गुप्ता से जिन जानकारियों की मांग की जाती है, वह उसका उत्तर नहीं देकर बस गलतबयानी कर निकल जाते हैं, हालांकि यही स्थिति कुछ दूसरे मंत्रियों के साथ भी है.
सीएम हेमंत सोरेन से मंत्री बन्ना गुप्ता को मंत्रिमंडल से बाहर करने की मांग करते हुए सरयू राय ने कहा कि कहा कि काफी दिनों से हम इनसे बस एक ही सवाल पूछ रहे हैं, सवाल बेहद छोटा है, कि टेंडर जारी करने के बाद ही मंहगी दर पर दवाईयों की खरीद क्यों की गयी? सत्र दर सत्र गुजरता जा रहा है, लेकिन इस मुद्दे पर मंत्री का जवाब नहीं आ रहा है. सवाल यह है कि इसके लिए जिम्मेवार कौन है.
सरयू राय के सवाल के साथ ही गर्म हो गया सदन का माहौल
यहां बता दें कि सरयू राय के इस प्रश्न के साथ ही सदन का माहौल पूरी तरह से गर्म हो गया, उन्होंने कहा कि मॉनसून सत्र के दौरान ही हमने मंत्री से इस बात की भी जानकारी की मांग की थी कि कोविड काल में काम करनेवाले कर्मियों को प्रोत्साहन राशि का भुगतान क्यों नहीं किया गया? लेकिन आज तक इस प्रश्न का जवाब नहीं मिला, हालत यह हो गयी है कि विधानसभा की ओर से भी दो-दो पत्र भेज कर स्वास्थ्य विभाग से जवाब की मांग की गयी है, लेकिन मंत्री ने आज तक विधान सभा के द्वारा भेजे गये पत्र का जवाब देना भी उचित नहीं समझा.
मुख्यमंत्री की मांग पर भी फाइल को मुख्यमंत्री के पास नहीं भेजा जाता
हालत तो यह है कि जब खुद मुख्यमंत्री के द्वारा फाइल की मांग की जाती है, तब भी स्वास्थ्य विभाग सीएम के पास फाइल को भेजना उचित नहीं समझता है, इससे समझा जा सकता हि झारखंड में स्वास्थ्य विभाग को किस प्रकार से चलाया जा रहा है.
मंत्री के विरुद्ध शुरु हो अवमानना का मामला
सरयू राय ने स्वास्थ्य मंत्री को चुनौती देते हुए कहा कि जिन कागजातों के आधार पर वह सदन को जानकारी दे रहे हैं, उसकी प्रति सदन में रखी जाय. विधान सभा अध्यक्ष को भी मंत्री को यह निर्देश देना चाहिए, ताकि इसकी सच्चाई सामने आ सके, आज हालात यह है कि मंत्री के द्वारा ही सदन को ही गुमराह करने की कोशिश की जा रही है. यह स्पष्ट रुप से अवमानना का मामला बनता है, स्वास्थ्य मंत्री के विरुद्ध अवमानना की कार्रवाई शुरु होनी चाहिए.
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