पटना(PATNA)-जैसे जैसे इंडिया एलाइंस का समां बंधता दिखलाई देने लगा है, इसके काट में नये नारों की शक्ल में कई मुद्दों को उछाले जाने की कोशिश की जा रही है, वन नेशन वन इलेक्शन को इसी काट बताया जा रहा है, यही कारण है कि तेजस्वी यादव से लेकर सीएम नीतीश इस पर लगातार तंज कसते हुए दिखलाई दे रहे हैं.
पीएम मोदी का एक नया जुमला
मुम्बई बैठक से वापस लौटते ही जब तेजस्वी के सामने यह सवाल उछाला गया तो कुछ कुछ लालू की स्टाइल में तेजस्वी ने कहा कि यह मोदी सरकार का एक नया जुमला है, आज यह वन नेशन वन इलेक्शन की बात कह रहे हैं, कल ये वन नेशन वन रीलिजन की बात करेंगे, परसों वन नेशन वन लीडर की बात करेंगे, और तीसरे दिन वन नेशन वन लैंग्वेज की बात करने लगेंगे, लेकिन यह नहीं भूलना चाहिए कि भारत विविधताओं से भरा देश हैं, यहां कोई भी बात पूरे देश के लिए उसी रुप में लागू नहीं हो सकती. यह हमारी बहुलतावादी सोच पर एक हमला है, यदि बात ही करना है तो वन नेशन वन इनकम की बात क्यों नहीं करतें.
मोदी सरकार के आने बाद बदतर हुई गरीबों की स्थिति, नून रोटी का संकट बड़ा सवाल
पिछले 10 वर्षों में जिस प्रकार से समाज के वंचित तबकों की गरीबी में बेहिसाब इजाफा हुआ है, उनके सामने नून रोटी का संकट आ खड़ा हुआ है, जबकि दूसरी ओर चुनिंदा उद्योगपतियों की संपत्ति में हजार गुना की वृद्धि दर्ज की गयी है, अमीर गरीब की इस बढ़ती खाई के लिए मोदी सरकार के पास क्या उपचार है. वह वन नेशन वन इनकम पर काम क्यों नहीं करना चाहती, गरीबों की आय में वृद्धि करने का प्रोगाम सामने क्यों नहीं लाती. आज का बड़ा सवाल यह है कि सबका साथ सबका विकास के नारे से शुरु हुई यह यात्रा अपने चुनिंदा दोस्तों के विकास में क्यों सिमट गया.
2024 में विदाई तय
तेजस्वी ने कहा कि जिस प्रकार से भाजपा को बिहार में सबक सिखाया है, अब वही सिख उसे केन्द्र की राजनीति में देंगे, लालू यादव का प्रयास रंग लाया है, राहुल गांधी ने मोहब्बत की राजनीति की शुरुआत कर दी है, अब नफरत की राजनीति का दौर समाप्त होने वाला है. 2024 में इंडिया की सरकार बनेगी और इस सरकार की विदाई होगी.
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