पटना(PATNA)- बिहार में मेडिकल की तैयारी कर रहे छात्र- छात्राएं अब वह राज्य के निजी क़ॉलेजों में सरकारी कॉलेजों के लिए निर्धारित फीस पर अपनी पढ़ाई कर सकेंगे. इस कदम को गरीब और वंचित वर्ग के छात्रों के लिए बेहद अहम माना जा रहा है.
निजी और डीम्ड विश्वविद्यालयों की आधी सीटों पर सरकारी कॉलेजों के लिए निर्धारित दर पर पढ़ायी
दरअसल नीतीश सरकार ने आज कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया है कि बिहार की सभी निजी और डीम्ड विश्वविद्यालयों की आधी सीटों पर सरकारी कॉलेजों के लिए निर्धारित दर पर पढ़ायी होगी. इस प्रकार निर्धन के बच्चों के लिए डॉक्टर बनने का सपना साकार होता दिख रहा है. अब उन्हे कॉलेजों की महंगी फीस के बारे में चिन्तित होने की जरुरत नहीं होगी.
निजी कॉलेजों की महंगी फीस से टूटता था उनका सपना
यहां बता दें कि मेडिकल की तैयारी कर रहे निर्धन परिवारों के बच्चों के सामने निजी मेडिकल कॉलेजों की फीस बड़ी समस्या रहती है, कई बार तो वह अपनी पूरी जायदाद की बिक्री करने के बाद भी निजी कॉलेजों की फीस को पूरा करने की स्थिति में नहीं होते हैं.
आबादी के अनुपात में मेडिकल कॉलेजों की संख्या बेहद कम
इसका कारण राज्य में सरकारी मेडिकल कॉलेजों की संख्या का राज्य की आबादी के अनुसार नहीं होना है. करीब 13 करोड़ की आबादी वाले बिहार में नेशनल मेडिकल कमीशन के अनुसार मेडिकल कॉलेजों की संख्या मात्र 17 है, इसमें से 11 सरकारी कॉलेज और 6 निजी मेडिकल कॉलेज हैं.
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