Ranchi (TNP Desk) : आर्किटेक्ट विनोद सिंह का व्हाट्सएप चैट सिर्फ चैट ही नहीं है. इसमें कई ऐसे राज हैं जो दफन है. जिसे ईडी धीरे-धीरे खोल रही है. इस चैट में कई अधिकारियों के नाम हैं, जिसके बारे में कोई नहीं जानता है. अभी तक के पूछताछ में विनोद सिंह ने कई राज ED के सामने उगला है. इसके मोबाइल से ईडी को कई अहम जानकारियां हाथ लगी हैं. इसके आधार पर अब कई प्रशासनिक पदाधिकारियों को पूछताछ के लिए जल्द बुलाया जा सकता है.
हेमंत सोरेन को व्हाट्सएप पर भेजा था एडमिट कार्ड
जेएसएससी परीक्षा (JSSC CGL Exame Paper Leak) में शामिल कुछ अभ्यर्थियों के एडमिट कार्ड को विनोद सिंह ने हेमंत सोरेन को भी व्हाट्सएप पर भेजा था. इस संबंध में भी उससे सवाल किए गए कि वे कौन लोग थे जिनका एडमिट कार्ड उन्हें भेजा था. आने वाले दिनों में ईडी जेएसएससी से उन अभ्यर्थियों के एडमिट कार्ड के संबंध में भी विस्तृत जानकारी ले सकता है.
व्हाट्सएप चैट से मिले कई खुफिया जानकारी
आर्किटेक्ट विनोद सिंह के मोबाइल से ईडी को जो खुफिया जानकारी मिली है और जिन अधिकारियों के नाम उसने ईडी के सामने लिया है, ऐसे में लगता है कि राज्य के कई ऐसे अधिकारी हैं जो ईडी के रडार पर है. उन सभी अधिकारियों को भी ईडी जल्द ही अपने दफ्तर बुलायेगी और उनसे भी पूछताछ करेगी. देखने वाली बात होगी कि आने वाले समय में कौन-कौन से अधिकारियों को समन भेजकर ईडी पूछताछ करेगी.
ईडी के रडार पर कितने अधिकारी?
बता दें कि जेएसएससी पेपर लीक मामले (JSSC CGL Exame Paper Leak) में ईडी ने जब जांच शुरू की तो हेमंत के करीबी विनोद सिंह के ठिकानों से अभ्यर्थी के एडमिट कार्ड मिले. व्हाट्सएप चैट में ट्रांसफर पोस्टिंग से जुड़े जानकारी ईडी को मिले. वहीं व्हाट्सएप चैट के करीब 539 पेज पीएमएलए कोर्ट (PMLA Court) को ईडी ने सौंपा. ED ने दावा किया है कि जेएसएससी पेपर लीक और राज्य के अधिकारियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग इन्हीं के माध्यम से होता है. जिसका सबूत व्हाट्सएप चैट से मिला है. अब देखना होगा कि व्हाट्सएप चैट से मिले सबूत के आधार पर कितने अधिकारी ईडी के रडार पर आएंगे. ये आने वाले वक्त में ही पता चल पाएगा. फिलहाल ईडी के अधिकारियों ने विनोद सिंह को एक बार फिर बुलाया है, जहां उससे पूछताछ होगी. पिछले चार दिन से ईडी के अधिकारी विनोद से पूछताछ कर जानकारी जुटा रही है.
28 जनवरी को हुआ था पेपर लीक
गौरतलब है कि जेएसएससी सीजीएल प्रश्नपत्र लीक मामले (JSSC CGL Exame Paper Leak Case) में संयुक्त सचिव मधुमिता कुमारी ने नामकुम थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी थी. जिसमें कहा गया था कि 28 जनवरी को तृतीय पाली में सामान्य ज्ञान की परीक्षा थी. इस दिन दोपहर में ईमेल के जरिये समान्य ज्ञान परीक्षा के उत्तर विकल्प के चार पेज में भेजे गये थे. मिलान करने पर प्रश्नपत्र लीक होने की जानकारी मिली थी. जिसके बाद परीक्षा की अगली तिथि चार फरवरी तय की गयी थी. वहीं मामला तूल पकड़ने के बाद परीक्षा को ही रद्द कर दिया गया था. इस बीच अभ्यर्थियों ने खूब हंगामा किया और सीबीआई जांच की मांग. इसी मामले को लेकर ईडी जांच कर रही है.
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