टीएनपी डेस्क(TNP DESK):हिंदू धर्म में भगवान श्री कृष्ण का एक अलग स्थान है. भगवान कृष्ण ने द्वापर युग में अवतार लिया था. हर साल भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि की मध्य रात्रि को कृष्ण जन्माष्टमी का त्यौहार मनाया जाता है.क्योंकि इस तिथि को ही भगवान श्री कृष्ण का जन्म हुआ था.इसलिए भगवान श्री कृष्ण के जन्मदिवस के रूप में जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाता है.
रात के 12 बजे भगवान श्री कृष्ण की पूजा की जाती है
जन्माष्टमी का व्रत रखनेवाले श्रद्धालू दिन भर उपवास में रहते हैं और रात के 12 बजे भगवान श्री कृष्ण के जन्म के बाद पूजा पाठ करके व्रत को कुछ फल या मीठा खाकर खोलते है.जन्माष्टमी का व्रत करने वाले लोग दिन भर निर्जिला उपवास रखते है.
कृष्ण जन्माष्टमी की तिथि को लेकर लोगों में है कन्फ्यूजन
ज्योतिषों की माने तो इस साल 26 अगस्त यानी सोमवार के दिन जन्माष्टमी का त्यौहार मनाया जाएगा लेकिन वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर में 27 अगस्त को जन्माष्टमी का त्यौहार मनाया जाएगा.जिसको लेकर आम लोगों के बीच एक असमंजस की स्थिति बनी हुई है कि आखिर जन्माष्टमी का व्रत 26 अगस्त को रखना है या 27 अगस्त को रखना है.अगर आप भी इस बात को लेकर कंफ्यूज हैं तो आज हम आपका कन्फ्यूजन दूर कर देंगे.
जाने कृष्ण जन्माष्टमी की सही तिथि
आपको बताये कि 26 अगस्त को 3 बजकर 39 मिनट पर अष्टमी तिथि की शुरुआत हो रही है.वही इसका समापन 27 अगस्त को रात 2 बजकर 19 मिनट पर हो जाएगा.इसलिए इसके अनुसार इस साल 2024 में कृष्ण जन्माष्टमी 26 अगस्त यानी सोमवार के दिन ही मनायी जाएगी.
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