झारखंड पुलिस मुख्यालय के फरमान से उड़ी अफसरों की नींद, अब ऐप में करना होगा E-Evidence अपलोड
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टीएनपी डेस्क (TNP DESK) : झारखंड पुलिस मुख्यालय की ओर से फरमान जारी किया गया है कि- जो भी करें उसे ई-साक्ष्य एप में जरूर अपलोड करें. अब झारखंड राज्य पुलिस मुख्यालय के फरमान से सभी जिलों के दर्जनों पुलिस पदाधिकारी सकते में हैं. बताया जा रहा है कि वे ई साक्ष्य एप के प्रयोग में आनाकानी कर रहे हैं.
राज्य मुख्यालय ने आपराधिक मामलो में ई साक्ष्य एप के प्रयोग को अनिवार्य कर दिया गया है. वहीं किसी भी आपराधिक मामलों में अब विडियोग्राफी करना अनिवार्य कर दिया गया है. इसमें पुलिस पदाधिकारियों के लिए घटनास्थल की स्थिति, साक्ष्य और मौके से बरामदगी समान की वीडियोग्राफी जरूरी है. जूनियर पुलिस अनुसंधान पदाधिकारी अपने वरीय पुलिस अधिकारी को भ्रमित नहीं कर सकें. झारखंड पुलिस मुख्यालय के इस फरमान से सभी जिलों में दर्जनों पुलिस पदाधिकारियों पर काम का दबाव ज्यादा बढ़ता नजर आ रहा है. एक पुलिस अधिकारी के पास दर्जनों केस लंबित रहने के कारण ई साक्ष्य एप के प्रयोग में आनाकानी कर रहे हैं.
2024 से लागू भारतीय नागरिक संहिता के अनुरूप जांच, साक्ष्य की शृंखला का संकलन, डिजिटल स्वरूप करना अनिवार्य कर दिया गया है. गंभीर अपराध जिसमें सात साल से अधिक सजा का प्रावधान है, वैसे मामले में फॉरेंसिक जांच अनिवार्य कर दिया गया है. साक्ष्य को डिजिटल तरीके से संग्रह करने के लिए राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र की ओर से ही ई साक्ष्य एप तैयार किया गया है. यह देश भर में घटित अपराधी घटनाओं के बाद डिजिटल तरीके से साक्ष्य रिकॉर्ड करता है. इसका उद्देश्य देश के आधुनिक न्याय प्रणाली के माध्यम से ज्यादा से ज्यादा अपराधियों को सजा दिलाना है. इससे सबूत के छेड़छाड़ पर रोक लगेगी.
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