रांची(RANCHI): क्या कोई व्यक्ति जेल में रहकर भी पहाड़ की चोरी कर सकता है, क्या कोई काल कोठरी से भी अपना साम्राज्य दिन दोगुना और रात चौगुना गति से फैला सकता है, क्या झारखंड जैसे पिछड़े राज्य में भी इस प्रकार प्रतिभा सम्पन्न लोग हैं. यह सवाल सुनने में भले ही आपको अटपटा लग रहा हो, लेकिन ईडी की माने तो यह कोरी कल्पना या अफवाह नहीं होकर, कथित रुप से पिछड़े झारखंड की एक कटू सच्चाई है.
काल कोठरी से काला कारोबार
ईडी ने अवैध खनन का आरोप लगाकर भले ही सीएम हेमंत के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा को काल कोठरी का रास्ता दिखला दिया हो, भले ही आज उसकी सांसों पर पहरा हो, वह इस काल कोठरी से बाहर आने की मिन्नतें मांग रहा हो, लेकिन इससे उसके अवैध खनन के साम्राज्य में रति भर भी कोई कमी नहीं आयी, वह आज भी पहाड़ डकार रहा है, पहाड़ों की चोरी कर रहा है.
ईडी ने साहिबगंज एसपी को लिखा पत्र
दरअसल ईडी ने साहिबगंज एसपी को पत्र लिखकर इस बात का दावा किया है कि अवैध खनन मामले में जेल में बंद पंकज मिश्रा की गतिविधियां जेल जाने के बाद भी बंद नहीं हुई है, वह जेल में रहकर भी बड़े ही शातिर तरीके से अवैध खनन की गतिविधियों को अंजाम दे रहा है. वह अपने गुर्गों को जेल में रहकर ही आदेश दे रहा है. पंकज मिश्रा का एक आदेश होते ही गुर्गे दिन रात एक कर पहाड़ की इस लूट को अंजाम देते हैं.
ड्रोन कैमरे से जुटाये गये सबूत
यहां यह बता दें कि ईडी की टीम दो दिनों से साहिबगंज के दौरे पर है. जिला खनन पदाधिकारी, विभूति नारायण कुमार, फॉरेस्ट अधिकारी जितेन्द्र दुबे, झारखंड स्टेट पॉल्यूशन बोर्ड के रिजनल ऑफिसर कमलकांत पाठक के साथ ईडी के अधिकारियों ने इन दो दिनों में मंडरो अंचल स्थित नीबूं पहाड़ और दूसरे कई पहाड़ों का दौरा किया गया है. इन अधिकारियों ने इन दो दिनों में ड्रोन कैमरे का इस्तेमाल कर कई सबूत जुटाये हैं, जिसके आधार पर इनका दावा है कि पंकज मिश्रा के द्वारा आज भी इन पहाड़ों पर अवैध खनन की गतिविधियों को अंजाम दिया जा रहा है, और जेल में होने के बावजूद पंकज मिश्रा की गतिविधियों पर कोई असर नहीं पड़ा.
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