इस अनोखे मंदिर में भाई- बहन का एक साथ घुसना है मना, जानिए क्या है इसके पीछे की वजह


टीएनपी डेस्क (TNP DESK) : रक्षाबंधन के इस दिन पर हम आपको एक ऐसी जगह के बारे में बताएंगे जहां भाई-बहन का एक साथ जाना वर्जित है. यह जगह भारत के छत्तीसगढ़ में है. दरअसल यहां पर एक ऐसा अनोखा मंदिर है जहां भाई बहन को एक साथ प्रवेश करना मना है. इसके पीछे एक कहानी जुड़ी है जिस वजह से आज तक यह परंपरा निभाई जाती है. यह मंदिर राज्य के बलोदा बाजार के कसडोल के पास नारायणपुर गांव में स्थित है. इस मंदिर के अंदर भगवान शिव विराजमान है. भारी संख्या में यहाँ लोग भगवान शिव का दर्शन करने पहुंचते हैं. मगर इस मंदिर में भाई-बहन को एक साथ प्रवेश करने की अनुमति नहीं है. ऐसे में इन्हें दर्शन करने के लिए अलग-अलग आना पड़ता है.
जानिए क्या है वजह
इस नियम के पीछे एक धार्मिक मान्यता है. कहां जाता है कि इस मंदिर का निर्माण रात के समय में किया जाता था. इस मंदिर निर्माण में एक व्यक्ति शामिल था जिसका नाम शिल्पी नारायण था. शिल्पी नारायण मंदिर निर्माण का कार्य करता था. वही उसकी पत्नी उसे खाना देने के लिए अक्सर जाया करती थी. लेकिन एक शाम ऐसा आया जब नारायण की पत्नी की जगह बहन खाना लेकर निर्माण स्थल पर पहुंची. मगर बताया जाता है कि शिल्पी नारायण नग्न होकर मंदिर निर्माण करते थे ऐसे में बहन ने उनको इस अवस्था में देख लिया और वह शर्मिंदा हो गई . इसी शर्मिंदगी से उसने शिखर से कूद कर अपनी जान दी थी. यही वजह है कि अब इस मंदिर में भाई-बहन को एक साथ प्रवेश नहीं करने दिया जाता है. जिसकी बात से इस मंदिर में भाई-बहन को एक साथ प्रवेश करना सख्त मना है.
ऐसे हुआ मंदिर का निर्माण
इस मंदिर के बारे में आपको बता दें कि यह मंदिर सातवीं और आठवीं शताब्दी के बीच कलचुरी शासको द्वारा इसका निर्माण कराया गया था. मंदिर लाल काला बलुआ पत्थर से बनाया गया था. इस मंदिर की सबसे खास बात यह है कि यहां इसके स्तंभों पर कई सुंदर आकृतियां बनी हुई है यह पूरा मंदिर 16 स्तंभों पर टिका हुआ है. हर एक स्तंभ पर खूबसूरत आकृति बनाई गई है. यहां की दीवारों पर उकेरी गई हस्तमैथुन की मूर्तियों के कारण भी भाई-बहन यहां साथ आने में असहज महसूस करते हैं. इस मंदिर को बनाने में पूरे 6 महीने का समय लगा था वही बताया जाता है कि मंदिर जनजाति समुदाय से जुड़ा हुआ है.
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