रांची(RANCHI): झारखंड में अवैध माइनिंग, खनन और ट्रेनों से खनिज की अवैध ढुलाई का मामला पिछले कुछ महीनों से राज्य में चर्चा का विषय बना हुआ है. ईडी इस पर लगातार कार्रवाई भी कर रही है. अवैध ढुलाई में सीएम हेमंत के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा समेत कई बड़े अधिकारियों और कारोबारियों के नाम सामने आ चुके हैं, जिसके बाद हेमंत सरकार तक इस अवैध काम की आंच पहुंची. ईडी ने सीएम हेमंत सोरेन को दफ्तर बुलाया और मामले में पूछताछ की. यहां तक राज्य की हेमंत सोरेन सरकार बैकफूट में नजर आ रही थी. लेकिन अब राज्य की हेमंत सरकार बैकफूट नहीं बल्कि आगे आकर ईडी से लड़ने की मुड में है.
जांच के लिए SIT का गठन करेगी राज्य सरकार
अवैध माइनिंग और रेलवे से कोयले की घोटाले में अभी तक जांच चल रही है. वहीं, झारखंड विधानसभा शीतकालीन सत्र के आखिरी दिन सीएम हेमंत ने ऐलान किया कि अब राज्य सरकार इस मामले की जांच के लिए SIT का गठन करेगी. वहीं, सीएम ने कहा कि उन्होंने रेलवे मंत्रालय को भी पत्र लिख कर जानकारी मांगी है कि मंत्रालय बताए किस ट्रेन से कितनी माल की ढुलाई हुई है और इस काम में कितने कर्मचारी शामिल हैं.
हक मांगते हैं तो केंद्र ईडी लगा देती है पीछे : CM
सीएम ने विधानसभा में केंद्र सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि वो जब सरकार से अपना हक मांगते हैं तो उनके पीछे ईडी और सीबीआई लगा दिया जाता है. ईडी ने पूरे राज्य का माहौल खराब कर रखा है. उन्होंने कहा कि ईडी क्या करेगी किसके यहां छापेमारी करेगी इसके डर से कोई कारोबारी उद्योग लगाने से डर रही है जबकि राज्य की उद्योग नीति को कई उद्योगपतियों ने सराहा है. उन्होंने कहा कि भाजपा की सरकार ईडी, सीबीआई और इनकम टेक्स तक सीमित है. उन्हें जनता से कोई लेना देना नहीं है.
केंद्र बताए कितने रेल रैक उपल्बध कराए : हेमंत
बता दें कि विधानसभा में सीएम ने कहा कि ईडी कहती है 1000 करोड़ रुपए का अवैध माइनिंग हुआ है तो रेलवे बताए उन्होंने कितने रेल रैक उपल्बध कराए हैं. उन्होंने ये भी कहा कि राज्य में केवल ट्रेक्टर और ट्रक बदनाम है. सीएम ने कहा कि इस अवैध माइनिंग में राज्य सरकार का रत्ती भर भी हाथ नहीं है.
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