बिहटा(BIHTA): बालू के वर्चस्व को लेकर लगातार गोलीबारी रुकने का नाम नहीं ले रहा है. एक बार फिर दो गुटों में लगभग 12 घंटे तक गोलीबारी हुई. हालांकि इसमें किसी की जान नहीं गई. लेकिन जो अवैध नाव बालू खनन में लगे हुए थे. उसका भारी नुकसान भी हुआ है. लगभग 8 ऐसे अवैध बालू उत्खनन में लगे नाव को क्षतिग्रस्त किया गया है जो अवैध बालू ढुलाई का काम करते थे. सैकड़ों राउंड गोलियां मनेर और बिहटा सोन नदी से सटे गांव को दहला कर रख दिया. गांव के लोगों में भी दहशत का माहौल है जिसे रोक पाना पुलिस के लिए भी संभव नहीं हो पा रहा है. हल्की गोलीबारी की सूचना के बाद दानापुर एएसपी अभिनव धीमन के नेतृत्व में एक टीम छापेमारी के लिए निकली लेकिन पुलिस को आता देख बालू माफिया फरार हो गए गोलीबारी तो रुक गई. लेकिन जो दहशत ग्रामीणों में है वह अभी तक कम नहीं हुआ है. गोलियां हर एक से 2 दिन के बीच में चलती रहती हैं और यह बालू में अवैध खनन के वर्चस्व को लेकर के होता रहा है. इसे रोकने के लिए पुलिस छापेमारी करती है लेकिन वह कामयाब इसलिए नहीं हो पाता है कि पुलिस को दूर से ही बालू माफिया देखकर फरार हो जाते हैं. इसके लिए कड़ी व्यवस्था करने की जरूरत है.
आठ नाव क्षतिग्रस्त
पहला यह कि नाव सोन नदी में प्रवेश न कर पाए और दूसरा बड़ी बड़ी जेसीबी मशीन है जो इस इलाके में प्रवेश न कर पाए. उसके लिए ऊपरी निगरानी की जरूरत है. गौरतलब है कि इसी बालू के अवैध उत्खनन को लेकर के कई हत्याएं भी हो चुकी है और इन हत्याओं का दौर जारी भी है. इस मामले में दानापुर एसपी अभिनव धीमान ने जानकारी देते हुए बताया कि गोलीबारी की सूचना के बाद पुलिस ने छापेमारी की लेकिन कोई गिरफ्तारी नहीं हो पाया है. छापेमारी के दौरान यह देखने को मिला कि आठ नाव क्षतिग्रस्त किए गए हैं जो बालू के उत्खनन कार्य में लगे हुए थे और यह छतिग्रस्त दो गुटों के वर्चस्व के दौरान ही हुए हैं.
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