टीएनपी डेस्क(TNP DESK): आजकल के बच्चों में मोबाइल की लत इस कदर बढ़ चुकी है कि बच्चे बिना मोबाइल देखे ना तो खाना खाते हैं और नहीं सोते हैं. हर वक्त उन्हें मोबाइल चाहिए होता है. मां-बाप बच्चों को मोबाइल से दूर रखने के लिए कुछ ट्रिक भी अपनाते हैं लेकिन इसके बावजूद भी आजकल के बच्चे मोबाइल छोड़ने को तैयार नहीं होते. लेकिन इसी बीच बच्चों को मोबाइल से दूर रखने के लिए एक टीचर ने कुछ ऐसा रास्ता अपनाया जो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है.
दरअसल वायरल वीडियो में देखा जा रहा है कि एक स्कूल के ग्राउंड में बच्चे लाइन में खड़े हैं. बता दे कि वीडियो को विकास नामक यूज़र ने अपने सोशल हैंडल से शेयर किया है. यह वीडियो यूपी के बदायूं के HP इंटरनेशनल स्कूल का है. जहां बच्चों को मोबाइल से दूर करने के लिए एक अवेयरनेस प्लान बनाया गया. वीडियो में एक टीचर आंखों पर पट्टी बांधकर रोती नजर आती है टीचर से पूछने पर रहती है कि ज्यादा मोबाइल देखने से आंखों से खून आ रहा है. तो वहीं दूसरी टीचर ने बच्चों से कहा देखो मैम का क्या हाल हो गया. उनकी आंख से कितना खून निकल रहा है. देखो देखो...इसके बाद एक टीचर फोन लेकर बच्चों के पास गई और बच्चो को फोन लेने को कहा. लेकिन बच्चे डर कर फोन लेने से मना कर रहे थे. कोई भी बच्चा अपने हाथ में फोन पकड़ने को तैयार नहीं था. सभी बच्चे काफी डरे हुए थे. बच्चों से मोबाइल छुड़ाने का यह तरीका काफी अच्छा है.
बच्चों से मोबाइल की लत छुड़वानी है तो ये दिखा दें ये वीडियो..!
— Vikash Mohta (@VikashMohta_IND) September 11, 2024
यूपी के बदायूं के HP इंटरनेशनल स्कूल की टीचर्स ने बच्चों को मोबाइल से दूर करने के लिए एक अवेयरनेस प्लान बनाया है। वीडियो में एक टीचर आंखो पर पट्टी बांधकर रोती नज़र आती है। टीचर के पूछने पर कहती है कि ज्यादा मोबाइल… pic.twitter.com/4XrNZXWR2a
लोग इस पहल की कर रहे सराहना
इस वीडियो पर कुछ यूज़र ने कमेंट करते हुए लिखा है कि बचपन से ही झूठ की खेती शुरू कर दी गई है. बच्चों को जब पता चलेगा ऐसा कुछ नहीं है तो उनका विश्वास टीचर्स की बाक़ी हिदायतों से भी उठ जाएगा. तो वही कुछ लोगों ने इस पहल की काफी तारीफ की है. एक यूज़र ने लिखा बच्चों को मोबाइल की लत से छुड़ाने के लिए एक नई और प्रभावी पहल लगती है. जब बच्चों को यह समझाया जाता है कि ज्यादा मोबाइल देखने से उनके स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है, तो वे सच में सचेत हो सकते हैं. टीचर्स का यह प्रयास जागरूकता बढ़ाने में मददगार हो सकता है, लेकिन यह भी ज़रूरी है कि इसके साथ-साथ बच्चों को स्वास्थ्यपूर्ण मोबाइल उपयोग के नियम और सकारात्मक विकल्प भी सिखाए जाएं.
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