पत्रकार कैसे उठाएगा मुद्दा!भ्रष्टाचार पर बनाई रिपोर्ट तो ठेकेदार ने हत्या कर सेप्टिक टैंक में डाला
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रांची(RANCHI): छत्तीसगढ़ में एक पत्रकार की हत्या कर शव को सेप्टिक टैंक में दफन कर दिया गया. दो दिनों के बाद मोबाईल लोकैशन से पुलिस शव को तलाश कर पाई है. छत्तीसगढ़ के नक्सल ग्रस्त क्षेत्र में एक सड़क निर्माण में हुई गड़बड़ी और घोटाले की खबर चलाने पर ठेकेदार ने हत्या करा दी. शव को भी अपने सेप्टिक टैंक में दफन करा दिया. अब इस मामले में पुलिस ने जांच शुरू की है और तीन लोगों को हिरासत में लेने की बात कही है. लेकिन हिरासत में किसे लिए है उसके नाम को उजागर नहीं किया गया.
बस्तर इलाके में पत्रकार मुकेश चंद्राकार पत्रकारिता करते थे. एनडीटीवी के साथ साथ यूट्यूब पर बस्तर जंक्शन नाम का चैनल का संचालन करते थे. शुरू से ही मुकेश कई मुद्दे को उठाते थे. जिसपर कई कार्रवाई भी हो चुकी है. जिस इलाके में वह पत्रकारिता करते थे वह क्षेत्र नक्सल वाला है. बावजूद सभी मुद्दे को मुखर हो कर अपने लेखनी और रिपोर्ट में बताते थे. क्षेत्र नक्सल रिपोर्ट से लेकर इलाके में भ्रष्टाचार उजागर करने की हिम्मद रखते थे. सभी के दर्द और पीड़ा को दिखाने का काम करते थे.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एक बड़े भ्रष्टाचार को मुकेश ने उजागर किया था. रिपोर्ट के बाद सरकार ने एक्शन लिया और जांच का आदेश दे दिया. इस बीच ही एक ठेकेदार पर जांच बैठने वाली थी. पूरे मामले को लेकर माहौल गर्म हो गया.
मृतक पत्रकार के भाई ने बताया है कि एक जनवरी को मुकेश घर से निकला था. देर रात तक वापस नहीं लौट उसका मोबाईल भी बंद बता रहा था. ऐसे ही जब दो जनवरी को भी कोई जानकारी नहीं मिली तो शक हुआ की कुछ गड़बड़ है. आखिर में गूगल मेल के जरिए उसका लास्ट लोकैशन ठेकेदार सुरेश चंद्राकार के घर दिखा रहा है. लेकिन कोई जानकारी नहीं मिल रही है.
आखिर में इसकी शिकायत पुलिस के पास की गई. पुलिस ने लास्ट लोकैशन के आधार पर जांच शुरू किया और ठेकेदार के घर पहुँच गई. जांच के दौरान देखा की एक सेप्टिक टैंक में नया पलस्तर किया हुआ है. इसके बाद जब उसकी जांच की गई. टैंक के ढक्कन को तोड़ कर हटाया तो उसमें मुकेश का शव बरामद किया गया. शव को पुलिस ने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेज दिया. साथ ही पूरे मामले की तहकीकात शुरू कर दी है.
शक के घेरे में ठेकेदार है,आखिर जिस ठेकेदार ने काम किया उसपर जांच बैठी और फिर उसके घर ही पत्रकार का शव मिलना यह साबित करता है कि मुकेश के हत्या के पीछे वह हो सकता है. हलाकी पुलिस ने तीन लोगों को हिरासत में लिया है. हिरासत में लेने वालों का नाम उजागर नहीं किया गया. आखिर कौन लोग है जिसे पुलिस भी बचाने में लगी है अब यह सवाल उठ रहा है.
इस हत्या के बाद कई सवाल हर पत्रकार के मन में है. आखिर सभी के दुख दर्द को दिखाने का माध्यम पत्रकार बनते है. कही गोली चले कही लूट हुई या फिर किसी अधिकारी ने रिश्वत मांग ली और यहाँ तक की भ्रष्टाचार हो रहा है वहाँ पत्रकार को खोजा जाता है. इसके बाद रिपोर्ट दिखा कर सरकार से सवाल पूछता है. लेकिन जब ऐसी वारदात होगी तो फिर कोई भी पत्रकार कैसे निष्पक्ष पत्रकारिता करेगा. कैसे किसी से सवाल पूछेगा. मुकेश तो दुनिया से चला गया लेकिन कई सवाल छोड़ कर गया है.
यह भी याद रहे कि जब कुछ साल पहले बस्तर रेंज में नक्सलियों ने CRPF जवान को बंधक बना लिया था. तो इसी ने जंगल में नक्सलियों के साथ वार्ता कर दोनों जवान को वापस लेकर आया था. सरकार और नक्सलियों के बीच एक कड़ी का काम किया था. वह तस्वीर आज भी सोशल मीडिया पर वायरल चल रही है.
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