हमले में जख्मी सलमान रुश्दी की हालत कैसी है,डाक्टरों ने क्या है ज़ख्म के बारे में


डीएनपी डेस्क (TNP DESK): भारतीय मूल के ब्रिटिश-अमेरिकी लेखक सलमान रुश्दी की हालत में तेजी से सुधार हो रहा है. अमेरिका में उन पर जानलेवा हमला हुआ था. सलमान रुश्दी को वेंटिलेटर से हटा दिया गया है. अब वे बातचीत कर सकते हैं. वैसे रुश्दी के प्रतिनिधि एंड्रयू वायली ने मीडिया को इससे अधिक जानकारी देने से इनकार कर दिया.लेकिन मेडिकल बुलेटिन के अनुसार वे तेजी से रिकवर कर रहे हैं. देश भर में सलमान रुश्दी पर हमले की निंदा हो रही है. इधर, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जानसन हमले की निंदा करते हुए रुश्दी के जल्द स्वस्थ होने की प्रार्थना की है.
चाकू से हुआ था हमला
सलमान रुश्दी पर न्यूयार्क में शुक्रवार को चाकू से हमला किया गया था. रुश्दी की गर्दन में गंभीर चोट आई है. घंटों की सर्जरी के बाद उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया था. कुछ मीडिया रिपोर्ट में आशंका जताई गई थी कि सलमान को अपनी एक आंख खोनी पड़ सकती है.व्हाइट हाउस के सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने अपने ट्वीट में कहा था कि उपन्यासकार सलमान रुश्दी पर हमला भयावह और दुखद है. हम सभी उनके शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना कर रहे हैं.
हमले का पूरा ब्यौरा
डाक्टरों का पहले कहा था कि सलमान के हाथ की नसों में गंभीरचोट पहुंची है. लीवर को भी भारी नुकसान हुआ है. न्यूयार्क पुलिस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में सलमान रुश्दी पर हुए हमले का पूरा ब्यौरा देते हुए कहा था कि हमलावर की पहचान कर ली गई है. हमलावर हादी मटर फेयरव्यू, न्यू जर्सी का रहने वाला है.उल्लेखनीय है कि सलमान रुश्दी को अपने विवादास्पद उपन्यास ‘द सैटेनिक वर्सेज’ की वजह से कई बार जानलेवा हमलों का सामना करना पड़ा है. पहले भी पश्चिमी न्यूयॉर्क में एक कार्यक्रम के दौरान मंच पर उनपर हमला हो चुका है.
ईरान ने जारी किया मौत का फतवा
‘द सेटेनिक वर्सेज’ के बाजार में आने के बाद दुनिया भर में हंगामा हुआ था. इसके बाद ईरान से एक फतवा जारी हुआ था. ईरान के धार्मिक नेता आयातोल्लाह खोमैनी का ने फतवा जारी किया था. इसमें कहा गया था कि इस उपन्यास के लेखक सलमान रुश्दी को मौत दी जाए.भारतीय मूल के इस अंग्रेजी लेखक ने लिखने की शुरुआत 1975 में अपने पहले नॉवेल ‘ग्राइमस’ के साथ की थी.मगर मकबूलियत दूसरे नॉवेल ‘मिडनाइट्स चिल्ड्रेन’ से मिली. इसे 1981 में बुकर प्राइज मिल. वह 1983 में ‘बेस्ट ऑफ द बुकर्स’ पुरस्कार से सम्मानित किए गए. उन्होंने कई किताबें लिखीं. इनमें द जैगुअर स्माइल, द मूर्स लास्ट साई, द ग्राउंड बिनीथ हर फीट और शालीमार द क्लाउन खास हैं.मगर ‘द सेटेनिक वर्सेज’ ने उन्हें समूची दुनिया में अलग तरह की पहचान दी.उनके स्वास्थ्य में सुधार से उनके प्रशंसकों ने राहत की सांस ली है.
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