देवघर(DEOGHAR):विधाता का लिखा बदला नहीं जा सकता.विधाता चाहे तो गमगीन माहौल को भी खुशनुमा कर सकता है,यदि नहीं चाहे तो खुशी को मातम में बदल सकता है.यही वाक़्या जुड़वां बच्चों के परिजनों के साथ हुआ.बाबानगरी की धरती से पहले जिस बच्चों का मुंडन कराने बिहार के आरा जिला से बाबाधाम आ रहे थे, वे बच्चे काल के गाल में समा गए.दरअसल एक सड़क हादसा में दोनों की मौत हो गई.बाकी सवार घायल है जिनका इलाज देवघर सदर अस्पताल में चल रहा है.
बच्चों का मन्नत उतारने आ रहे तो ऐसे घटी घटना
बिहार के आरा जिला के रहनेवाले नागेंद्र राम और नेहा देवी अपने दोनों जुड़वां बच्चों का मुंडन संस्कार करवाने देवघर आ रहे थे.स्विफ्ट डिजायर गाड़ी में अपने परिवार के साथ हंसी खुशी आ रहे थे,तभी देवघर जमुई मुख्य सड़क पर बिशनपुर के समीप तेज़ रफ्तार से चली आ रही इनका कार असंतुलित होकर सड़क किनारे पेड़ में जोरदार टक्कर मार दी.इस घटना में नरेंद्र राम के दोनो जुड़वां बच्चे सहित सभी सवार घायल हो गए.दुर्घटना के बाद स्थानीय लोगों द्वारा आनन फानन में सभी को देवघर सदर अस्पताल लाया गया, जहां चिकित्सक ने जुड़वां भाई बहन को मृत घोषित कर दिया.बाकी घायलों नक इलाज सदर अस्पताल में चल रहा है.
इस वजह से हुआ सड़क दुर्घटना
बताया जा रहा है कि ड्राइवर को नींद लग गई होगी, जिसके बाद कार असंतुलित हो गई होगी.आरा निवासी नागेंद्र राम और नेहा देवी के दोनों जुड़वां बच्चे का मन्नत उतारने बाबाधाम आ रहे थे.दोनो जुड़वां बेटा बेटी अभिनंदन और नंदिनी की उम्र 5 वर्ष पूरे होने के बाद मुंडन संस्कार बाबाधाम में संपन्न कराने के उद्देश्य से आ रहे थे,लेकिन विधाता को कुछ और मंजूर था बाबानगरी पहुंचने से पहले ही यह हादसा हुआ.हादसे के बार पूरी तरह आरा से लेकर देवघर तक उनके परिजनों में मातम छा गया है.अब गलती जिसकी हो हमेशा वाहन चलाते समय सावधानी बरतने की आवश्यकता है नहीं तो किसी भी घर का चिराग बुझने से इंकार नहीं किया जा सकता.
रिपोर्ट-रितुराज सिन्हा
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