टीएनपी डेस्क: सर्दी का मौसम आते ही कई बीमारियों का भी खतरा बढ़ जाता है. ऐसे में आपकी जरा सी लापरवाही आपको बड़े मुश्किल में डाल सकती है. जैसे-जैसे ठंड बढ़ रही है वैसे ही ब्रेन हेमरेज के भी कई मामले सामने आ रहे हैं. एक आंकड़े के अनुसार तीन दिनों में करीब 35 मरीज़ ब्रेन हेमरेज की समस्या के शिकार हो चुके हैं. अन्य मौसमों के तुलना में अगर देखे तो सर्दियों में या घटना अधिक होती है.
क्यों होती है ठंड में ब्लड क्लॉटिंग
तापमान में कमी के कारण हमारे शरीर में ब्लड क्लॉटिंग की भी समस्या होने लगती है. ऐसे में रक्त वाहिकाएं सिकुड़ने लगती है और मस्तिष्क में ब्लड सरकुलेशन धीमा हो जाता है. जिसका नतीजा होता है कि सही रूप से ब्लड हमारे मस्तिष्क तक नहीं पहुंच पाता. रक्त के थक्के ऑक्सीजन और ब्लड सर्कुलेशन में बाधा डालते हैं. इसके बाद ब्लड प्रेशर बढ़ने के कारण मस्तिष्क की ब्लड वेसल्स फट जाती है जिससे मस्तिष्क में ब्लीडिंग होता है.
ब्रेन स्ट्रोक के यह हैं लक्षण
ब्रेन स्ट्रोक में मस्तिष्क में अचानक गंभीर दर्द होना, शरीर के एक तरफ कमजोरी महसूस होना, बॉडी का कोई हिस्सा सुन्न पर जाना, बोलने या समझने में कठिनाई, धुंधला दिखाई देना, चक्कर आना, उल्टी जैसा लक्षण, कुछ मामलों में तो मरीज बेहोश भी हो जाते हैं
ब्रेन हेमरेज होने पर क्या करें
ब्रेन हेमरेज के लक्षण महसूस होते ही मरीज को तुरंत अस्पताल लेकर जाना चाहिए. अगर आप गोल्डन ऑवर में मरीज को अस्पताल लेकर चले जाएंगे तो उनके रिकवर होने की संभावना ज्यादा होती है. पहले के तीन-चार घंटे बेहतर इलाज के लिए महत्वपूर्ण माने जाते हैं. स्ट्रोक की स्थिति के आधार पर डॉक्टर सीटी स्कैन, एमआरआई जैसे टेस्ट भी करवाते हैं.
ब्रेन हेमरेज से बचने के उपाय
ठंड के दिनों में ब्रेन हेमरेज और ब्रेन स्ट्रोक की समस्या से बचने के लिए एक्सपोर्ट सलाह देते हैं कि इन दिनों लोगों को अपने खान-पान का विशेष ध्यान रखना चाहिए. इसके साथ ही अपने डेली रूटीन में एक्सरसाइज को भी शामिल करना चाहिए. खासकर 50 से ऊपर की उम्र के जो लोग हैं उन्हें तो ठंड के सीजन में विशेष ध्यान रखने की जरूरत होती है.
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