टीएनपी डेस्क(TNP DESK): भारत की अर्थव्यवस्था लगातार आगे बढ़ रही है. भारत सरकार के कई तरह के प्रयास से अर्थव्यवस्था अप ट्रेंडिंग है. आने वाला 6-7 साल आर्थिक गतिविधियों में तेजी से आगे बढ़ता रहेगा. संसद में पेश 2022-23 के आर्थिक सर्वेक्षण में कुछ अच्छे सपने दिख रहे हैं.
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट पेश करते हुए अर्थव्यवस्था में तेजी से मजबूती का संकेत दिया. मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरण ने कहा कि मुद्रास्फीति की दर 2023 में 6% के आसपास रहने का अनुमान है. आईएमएफ ने भी 6.1% मुद्रास्फीति होने का अनुमान जताया है. जीडीपी 6.5 प्रतिशत होने का अनुमान है.
बेरोजगारी दर में 1.1 प्रतिशत की आई गिरावट
2019 के दूसरे क्वार्टर की तुलना में 2000-22 में बेरोजगारी दर में 1.1 प्रतिशत की गिरावट आई है. आर्थिक सर्वेक्षण का विश्लेषण करते हुए मुख्य आर्थिक सलाहकार ने कहा कि हम महामारी की चोट से उबर चुके हैं. अब इसका दर्द हमें नहीं सता रहा है. बैंकिंग क्षेत्र में सुधार से लाभ हुआ है. आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार सभी क्षेत्रों में ऋण वृद्धि सतत रूप से दोहरे अंकों में रही है. एमएसएमई क्षेत्र में रिंकी सुविधा में 30% से अधिक की वृद्धि हुई है. डिजिटल प्रयोग अधिक से अधिक होने की वजह से हमारी अर्थव्यवस्था में ज्यादा गति देखी जा रही है.
अगले वित्तीय वर्ष से महंगाई होगी कम
आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार पिछले 7 वर्षों में मात्र मृत्यु दर में कमी आई है. देश में स्वास्थ्य सुविधाओं में भी बढ़ोतरी हुई है. परिवहन के क्षेत्र में अच्छा सुधार हुआ है. मुख्य आर्थिक सलाहकार ने आर्थिक सर्वेक्षण का हवाला देते हुए कहा कि अगले वित्तीय वर्ष से महंगाई कम होगी. सभी क्षेत्रों में ऋण वृद्धि औसतन 30.5 प्रतिशत रही है. उन्होंने यह भी कहा कि देश में बढ़ती आर्थिक गतिविधियों की वजह से विश्व स्तर पर भारत की छवि और अच्छी हुई है. कृषि क्षेत्र में प्राइवेट ऑपरेटर्स की भागीदारी बढ़ी है.
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