TNP DESK- भीख देना अपराध माना जाता है. लेकिन भीख मांगने वाले देश के अधिकांश स्थानों पर मिल जाते हैं. लेकिन अब कुछ शहरों में इसके लिए कड़े कानून बनाए गए हैं. भीख देने वालों पर अब कार्रवाई होगी. प्राथमिकी होगी और जुर्माना भी लगाया जाएगा. मध्य प्रदेश के एक शहर में इस तरह का कानून 1 जनवरी, 2025 से कड़ाई से लागू हो रहा है.
भीख देने पर क्या होगा अंजाम जरूर जानिए
मध्य प्रदेश का एक खूबसूरत शहर है इंदौर. इसी देश का स्वच्छ शहर होने का गौरव प्राप्त है. इसे मिनी मुंबई भी कहा जाता है.अब यहां पर एक कानून बहुत कड़ाई से लागू होने जा रहा है. इस शहर में अगर कोई भीख मांगता है तो उसे तो पकड़ा ही जाएगा लेकिन जो भीख देंगे उनके खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई होगी. उनके खिलाफ प्राथमिक की दर्ज होगी और जुर्माना लगाया जाएगा.
केंद्र सरकार के सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने देश के 10 शहरों को भिक्षावृत्ति से मुक्त शहर बनाने का संकल्प लिया है. इनमें से एक इंदौर शहर भी है. स्वच्छ शहर की श्रेणी में आने वाले इंदौर में अब भीख देना अपराध होगा जो भी व्यक्ति किसी भीख मांगे को पैसा देगा उसके खिलाफ कार्रवाई होगी.
इंदौर के जिला पदाधिकारी आशीष सिंह ने कहा कि इस शहर में भीख लेना और देना दोनों अपराध की श्रेणी में शामिल किया गया है.किसी को भी भीख देने की इजाजत नहीं है यह अवैध घोषित कर दिया गया है. आशीष सिंह ने आगे कहा कि इसके लिए जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. दिसंबर महीने में ही अभी तक 15 ऐसे भीख मांगते हुए लोगों को पकड़ा गया है. 1 जनवरी 2025 से जो कोई भी भिक्षुक को भीख देगा, उसे दंडित किया जाएगा. उसके खिलाफ थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी.
जिला प्रशासन का तर्क है कि इंदौर शहर काफी स्वच्छ शहर माना जाता है. इसके लिए अवार्ड भी मिलता है. नगर निकाय क्षेत्र में स्वच्छता को लेकर पूरे देश में रैंकिंग होती है. जिसमें इंदौर लगातार कुछ वर्षों से प्रथम आ रहा है. भिक्षावृत्ति एक कलंक है. इसलिए जो भीख देते हैं वे कहीं ना कहीं पाप के भागीदार होते हैं. इसलिए यह निर्णय लिया गया है कि इंदौर को भीख मांगने वालों से मुक्त कराया जाए.
4+