Patna-शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर और मुख्य सचिव के.के पाठक के बीच विवाद गहराता नजर आने लगा है. हालांकि विवाद को गंभीर रुप लेता देख सीएम नीतीश कुमार ने दोनों को सीएम हाउस तलब कर लिया. दावा किया जाता है कि इस मुलाकात के दौरान सीएम नीतीश ने विवाद के मुद्दों को समझने की कोशिश की, साथ कई निर्देश भी जारी कियें, लेकिन लगता है कि सीएम नीतीश के हस्तक्षेप के बावजूद भी शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चन्द्रशेखर झुकने को तैयार नहीं हैं और वह इस सवाल को उठाते हुए दिख रहे है कि सरकार में मंत्री की चलेगी या अफसरों का राज चलेगा. निर्वाचित जनप्रतिनिधियों का हुक्म चलेगा या अफसरों की तानाशाही चलेगी.
सीएम हाउस से बाहर निकलते काफी सख्त दिखें प्रोफेसर चन्द्रशेखर
बैठक खत्म कर सीएम हाउस से बाहर निकलते हुए प्रोफेसर चंद्रशेखर के हाव भाव भी काफी सख्त थें, सवालों का जवाब देने के बजाय चन्द्रशेखर ने मीडिया से ही सवाल दाग दिया कि सरकार में बड़ा कौन होता है? मंत्री या अफसर?
अभी और भी गहरा सकता है यह विवाद
प्रोफेसर चन्द्रशेखर के हाव भाव इस बात के संकते मिल रहे हैं कि यह विवाद और भी गरमाने वाला है, और यह विवाद और भी गहराया तो इसका असर सरकार की सेहत पर भी पड़ सकता है. हालांकि अब तक लालू यादव और राबड़ी देवी इस विवाद को तुल देने के मुड में नजर नहीं आ रहे हैं, लेकिन उनके नेताओं के द्वारा जिस प्रकार से बयानवाजी हो रही है उसके संकेत कुछ और ही निकल रहे हैं.
भाई वीरेन्द्र की इंट्री, कहा कान पकड़ो बाहर निकालो
मामले में इंट्री करते हुए राजद नेता भाई वीरेन्द्र ने के.के पाठक को कान पकड़ कर निकालने की सलाह दे दी है, इस बीच जदयू कोटे से एससीएसटी कल्याण मंत्री रत्नेश सदा ने भी पाठक पर निशाना साधा है, पाठक को सामंतवादी प्रवृति का व्यक्ति करार दिया है, उनका आरोप है कि के.के पाठक महादलितों को टारगेट पर ले रहे हैं और उन्हे कहीं और से गाइड किया जा रहा है. रत्नेश सदा का इशारा भाजपा की ओर है.
मंत्री रत्नेश सदा ने लगाया भाजपा के साथ मिलकर काम करने का आरोप
के.के. पाठक ने शिक्षा मंत्री के आप्त सचिव डॉ. के एन यादव की शिक्षा विभाग में इंट्री को बैन करने का निर्देश दिया है, मंत्री की ओर से भेजवाये गये सारे पीत पत्रों को इस टिप्पणी के साथ खारिज कर दिया गया कि इससे आपके संरक्षकों की कुत्सित मानसिकता जाहिर होती है. पाठक के इस तेवर से मंत्री रत्नेश सदा के आरोपों में तथ्य नजर आता है, देखना होगा कि अब इस गहराते विवाद का समाधान क्या निकलता है.
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