रांची(RANCHI)- झारखंड विधानसभा का दूसरा दिन मणिपुर हिंसा की भेंट चढ़ता दिख रहा है. सदन की कार्यवाही शुरु होती ही विपक्षी दलों का महागठबंधन इंडिया की ओर से मणिपुर हिंसा पर आक्रमक रुख अख्तियार कर लिया गया. मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग करते हुए कांग्रेस विधायक प्रदीप यादव ने कहा कि हमारे देश का एक हिस्सा पिछले तीन महीनों से धूं धूं कर जल रहा है, आदिवासी बेटियों की सार्वजनिक रुप से आबुर लूटी जा रही है, उनकी अस्मत के साथ खेला जा रहा है, इस हालत में केन्द्र सरकार को वहां तुरंत राष्ट्रपति शासन लगानी चाहिए. हमें मणिपुर के आवाम को विश्वास दिलाना होगा कि इस संकट की घड़ी में पूरा देश उनके साथ खड़ा है. लेकिन प्रधानमंत्री इस मुद्दे पर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है. उनकी चुप्पी खतरनाक है. प्रधानमंत्री को अब अपनी चुप्पी तोड़ कर दिल की बात करनी चाहिए, मन की बात तो वह हर दिन करते हैं.
जहां जहां डबल इंजन की सरकार, लूटी जा रही है बेटियों की अस्मत
प्रदीप यादव की इस मांग का समर्थन कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी के द्वारा भी किया गया, इरफान अंसारी ने कहा कि तीन महीनों से नस्लीय हिंसा की आग में जलते मणिपुर में कानून व्यवस्था का अस्तित्व समाप्त हो चुका है, वहां के सीएम को तुरंत अपना इस्तीफा सौंप देना चाहिए. जहां जहां भी डबल इंजन की सरकार है, वहां हमारी बेटियां असुरक्षित हैं, उनकी आबरु लूटी जा रही है, झारखंड से भी एक प्रतिनिधि मंडल को मणिपुर का दौरा करना चाहिए.
देश का एक हिस्सा जल रहा है और मोदी विदेशों का दौरा करने में व्यस्त हैं
जबकि मणिपुर हिंसा पर प्रधानमंत्री की चुप्पी पर सवाल खड़े करते हुए विधायक सीता सोरेन ने कहा कि मणिपुर की घटना का पूरा देश निंदा कर रहा है.लेकिन देश के प्रधानमंत्री चुप्पी साध कर बैठे है. देश का एक राज्य जल रहा है, प्रधानमंत्री विदेश का दौरा और गृह मंत्री चुनाव की तैयारी में लगे है. मणिपुर को बचाने की जरूरत है.
विधायक दीपिका पांडे ने कहा कि मणिपुर में गाजर मूली के जैसा लोगों को काटा जा रहा है. हालात जरूरत से ज्यादा खराब है लेकिन वहां नेट बंद कर मीडिया को रोका जा रहा है. इंडिया के प्रतिनिधियों के मणिपुर दौरे से जो सच्चाई निकल कर सामने आयी है, वह अब तक की जानकारियों से भी ज्यादा खतरनाक है.
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