हाजीपुर(HAJIPUR): बिहार में पूर्ण रूप से शराब बंदी है. लेकिन लगातार चौंकाने वाली तस्वीरें सामने आ रही है. एक ऐसे निजी नर्सिंग होम का खुलासा हुआ है जहां इलाज कराने मरीज नहीं शराब पीने और शराब लेकर बेचने वाले आते थे. उत्पाद विभाग ने एक ऐसी शराब फैक्ट्री का उद्भेदन किया है जिसे एक डॉक्टर चला रहा था. दवा दुकान व निजी नर्सिंगहोम की आड़ में शराब का कारोबार करता था. दवा के माध्यम से वह कई तरह के महंगे विदेशी शराब भी बना रहा था. जिसके उद्भेदन के बाद उत्पाद विभाग भी आश्चर्यचकित है. हाजीपुर के उत्पात विभाग को गुप्त सूचना मिली की सदर थाना क्षेत्र के शुभई स्थित एक निजी मकान में शराब की फैक्ट्री चलाई जा रही है. जिसके बाद पुलिस बल के साथ उत्पाद की टीम छापेमारी करने मौके पर पहुंची. तब उत्पाद विभाग के कर्मियों और अधिकारियों ने भी नहीं सोचा था कि यह अनुभव उनके लिए पहला और बिल्कुल नया होगा. क्योंकि जहां वह लोग छापेमारी करने पहुंचे थे उस शराब फैक्ट्री के आगे एक दवा दुकान थी. एक फैक्ट्री के मुख्य गेट पर निजी क्लीनिक का बैनर टांगा गया है. इसको देखकर कोई भी यही समझता कि यहां मरीजों का इलाज होता है. लेकिन जब उत्पाद विभाग की टीम कमरे के अंदर दाखिल हुई तो वहां सैकड़ों विदेशी शराब के रैपर, बोतलें, तैयार शराब, टेट्रा पैक शराब के रैपर, यहां तक कि पंचिंग मशीन और दवा भी मौजूद था. जिससे विदेशी शराब बनाया जाता था. इसके अलावा 3 ड्राम प्रतिबंधित स्प्रिट भी मौके से बरामद किया. उत्पाद विभाग ने भागने के क्रम में आरोपी डॉक्टर को भी गिरफ्तार किया है. जिसकी पहचान सुरेश कुमार के रूप में हुई है. पकड़े जाने के बाद आरोपी डॉक्टर ने खुद बताया कि वह दवा से शराब बनाने का काम करता था.
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