1984 के दंगा के आरोपी कांग्रेसी नेता सज्जन कुमार को कोर्ट ने दी कड़ी सजा, 40 साल बाद आया फैसला
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नई दिल्ली (NEW DELHI) : भारत की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद 1984 में एक बड़ा दंगा भड़क उठा था. सिख समुदाय के लोगों को निशाना बनाया गया था. इस सिख दंगे में हजारों लोग मारे गए थे. इनमें से कई लोग आज भी उस दर्द को झेल रहे हैं. सिख दंगे में कई लोगों पर आरोप लगे थे. इनमें से एक प्रमुख नेता कांग्रेस के सज्जन कुमार भी थे. सज्जन कुमार को आज यानी मंगलवार को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने कड़ी सजा सुनाई है.
कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को क्या सजा मिली है?
1984 का सिख दंगा भारत के लिए एक काला अध्याय माना जाता है. भारत की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या उनके सुरक्षाकर्मियों ने ही कर दी थी. यह हत्या 31 अक्टूबर 1984 को दिल्ली में हुई थी. उसके बाद दिल्ली में दंगे भड़क उठे और देश के दूसरे शहरों में भी खून-खराबा शुरू हो गया. लोग सिख समुदाय के खिलाफ गुस्सा थे क्योंकि इंदिरा गांधी की हत्या करने वाले सुरक्षाकर्मी सिख समुदाय से थे. कांग्रेस के कुछ नेताओं ने हिंसा का सहारा लिया था. सज्जन कुमार उस समय उग्र नेता मानें जाते थे. उन्होंने 1 नवंबर 1984 को दिल्ली के सरस्वती विहार में पिता-पुत्र की हत्या कर दी थी. इस मामले में सज्जन कुमार पर मुकदमा चल रहा था और आज मंगलवार को सजा सुनाई गई. कोर्ट ने उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई है. कोर्ट ने सज्जन कुमार पर लगे आरोपों पर 40 साल बाद फैसला सुनाया है. दिल्ली समेत देश के कई शहरों में सिख दंगे भड़क गए थे.
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